Gujarat News: गुजरात में आम आदमी पार्टी भी अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी है. गुजरात के सूरत नगर निगम चुनाव में पहली बार कदम रखते ही 27 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया था, जो किसी चमत्कार से कम नहीं था. लेकिन अब उसे एक बहुत बड़ा झटका लगा है. आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी आम आदमी पार्टी के पांच पार्षदों ने पार्टी को दगा दे दी है. इन पार्षदों ने बीजेपी का हाथ थाम लिया है. इससे आप की आलाकमान ने पार्टी कार्यकर्ताओं को उनसे सचेत किया है.


पांच पार्षदों ने दी आम आदमी पार्टी को दगा 


आम आदमी के पांच पार्षद विपुल मौलिया, भावनाबेन सोलंकी, ज्योतिकाबेन लाठिया, मनीषाबेन कुकड़िया और रूता काकड़िया आप के वो पार्षद थे, जिन्होंने केजरीवाल की पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया उसके बाद मामला यहां न रूका और वो सीधा बीजेपी के कमलम दफ्तर पहुंचे और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी, प्रदेश भाजपा महासचिव प्रदीप सिंह वाघेला और प्रशांत कोराट की मौजूदगी में बीजेपी ज्वाइन कर ली.


पार्टी ने गद्दार साबित करने को लेकर एक मुहिम भी चलाई


आम आदमी पार्टी ने पाँचो पार्षदों के इस्तीफ़ा देने के बाद उन्हें गद्दार बताया , जिसके लिए पार्टी के कार्यकर्ता सूरत में घर-घर जाकर लोगों को बता रहे हैं कि वे ऐसे लोगों से सचेत रहें जिन्होंने आपकी सेवा के लिए हमारा हाथ थामा और फिर छोड़कर दूसरी पार्टी में चले गए. 5 पार्षदों के चले जाने से अब आप के पास 22 पार्षद रह गए हैं और यह विधानसभा चुनाव से पहले आप के लिए एक बड़ा झटका है इससे यह डर भी बैठ गया है कि कहीं और पार्षद आप न छोड़ दें. 


क्या है पार्षदों का कहना?


आम आदमी पार्टी छोड़ने वाले पार्षदों ने पार्टी नेताओं पर बुरे व्यवहार का आरोप लगाया. उनके मुताबिक उनकी वहां कद्र नहीं होती थी, इ​सलिए सूरत महानगर पालिका के इन पार्षदों ने बीजेपी का दामन थाम लिया. पार्षद भावना सोलंकी तो आप पार्टी के प्रदेश आलाकमान पर एक बड़ा आरोप लगाया और कहा कि उनके साथ पार्टी में अछूतों जैसा बर्ताव होता था. साथ ही  उनका यह भी कहना था कि, हमें केजरीवाल के साथ होने का फायदा नहीं मिला.


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