CBSE Board Exams: पिछले दिनों कोविड मामलों में कमी के बाद अब वापस कोरोना का असर लौटता नजर आ रहा है. इसी के मद्देनजर अब सीबीएसई ने एक बड़ा कदम उठाया है. दरअसल सीबीएसई ने एग्जाम को लेकर दो-टर्म प्रणाली की शुरुआत की है. हालांकि, जो छात्र न तो पहले टर्म की परीक्षा में शामिल हुए और न ही दूसरे टर्म में उपस्थित हुए तो उन्हें तीसरा मौका नहीं मिलेगा.


यहां तक ​​कि इन छात्रों को कंपार्टमेंट परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्हें फिर से वही कक्षा दोहरानी होगी और अगले शैक्षणिक वर्ष में होने वाली परीक्षाओं में बैठना होगा. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जून महीने तक कोरोना मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है.  


प्रत्येक टर्म में 50 प्रतिशत पाठ्यक्रम शामिल


गौरतलब है कि सीबीएसई द्वारा बोर्ड परीक्षाएं दो अलग-अलग चरणों में आयोजित की जा रही हैं, जिसमें प्रत्येक टर्म में 50 प्रतिशत पाठ्यक्रम शामिल है. पहला चरण नवंबर-दिसंबर 2021 के महीने के दौरान आयोजित किया गया था. सीबीएसई के एग्जाम कंट्रोलर संयम भारद्वाज के मुताबिक दूसरे चरण या टर्म में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं एक पाली में कराई जा रही हैं.


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छात्रों के लिए मूल्यांकन के विशेष तरीके


बोर्ड ने कंपार्टमेंट परीक्षा और बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट के संबंध में भी दिशा-निर्देश तैयार किए हैं. यदि किसी छात्र ने परीक्षा का एक चरण पूरा कर लिया है और कोविड के कारण दूसरे चरण के लिए उपस्थित नहीं हो सका, तो ऐसे छात्रों के लिए मूल्यांकन के विशेष तरीके उपलब्ध कराए जा सकते हैं. भारद्वाज ने कहा है कि कोविड के चलते बोर्ड परीक्षाओं को दो भागों में बांटा गया है. इसका उद्देश्य यह था कि यदि कोरोना के कारण किसी एक चरण की परीक्षा नहीं ली जा सकी तो दूसरे चरण की परीक्षाओं के आधार पर छात्रों का परिणाम जारी किया जा सकता है.


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