Gujarat News: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद यानी आईआईएम-अहमदाबाद में एक लोगो को लेकर विवाद जारी है. दरअसल पिछले महीने बोर्ड ऑफ़ गवर्नेंस ने संस्थान के लिए दो लोगो अपनाने का फैसला किया, इसने अंतर्राष्ट्रीय लोगो से 'विधिविनियोगाद्विकास' शब्द हटा दिया और कहा कि विदेश के लोग इसे नहीं समझेंगे, ऐसे में लोग इस कदम का विरोध कर रहे हैं. अब इस मामले में आईआईएम-अहमदाबाद के मैनेजमेंट ने बयान जारी किया है और इसको लेकर अपनी सफाई दी है.
आईआईएम-अहमदाबाद के मैनेजमेंट ने जारी किया बयान
फैकल्टी सदस्यों द्वारा विरोध जताए जाने के बाद आईआईएम-अहमदाबाद ने कहा कि संस्थान के नए लोगो से संस्कृत नीति-वाक्य को हटाया नहीं गया है. संस्थान ने एक बयान में कहा कि अपनी वेबसाइट में सुधार की प्रक्रिया के तहत हमने पाया कि एक नया लोगो ज़रूरी है. लोगो को अंतिम रूप देते समय मूल्यांकन, अन्वेषण और ब्रांड के विकास को ध्यान में रखा गया है. नए लोगो में संस्कृत नीति-वाक्य को बरकरार रखा गया है.
1961 में हुई थी स्थापना
पहले यह जानकारी सामने आई थी कि आईआईएम-अहमदाबाद के लोगो में से संस्कृत के शब्द और जाली को हटाया जाएगा. ये लोगो ट्री ऑफ लाइफ के आधार पर बनाया गया था. आईआईएम अहमदाबाद की स्थापना 1961 में डॉ. विक्रम साराभाई ने की थी. यह लोगो संस्था ने उन्हीं को समर्पित किया था. ऐसे में लोगों का मानना है कि इससे छेड़छाड़ ना की जाए.