Gujarat News: गुजरात में सरकारी स्कूल का जायजा लेने पहुंचे मनीष सिसोदिया, जानें क्या कहा?
Gujarat News: दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि वह यह देखना और समझना चाहते हैं कि भाजपा ने पिछले 27 साल के शासन में गुजरात के सरकारी स्कूलों में क्या बदलाव और सुधार किए हैं
Gujarat News: दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि वह यह देखना और समझना चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पिछले 27 साल के शासन में गुजरात के सरकारी स्कूलों में क्या बदलाव और सुधार किए हैं. आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने इस साल दिसंबर में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले, गुजरात के भावनगर जिले के एक स्कूल में जाते समय संवाददाताओं से यह कहा.
अहमदाबाद एयरपोर्ट से पहुंचे भावनगर
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नीत ‘आप’ दिल्ली में शिक्षा क्षेत्र में आए बदलाव को दिखाने की कोशिश कर रही है और उसने गुजरात में इसी प्रकार के बदलाव करने का वादा किया है. वह खुद को राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस दोनों के एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में पेश करके गुजरात की सभी 182 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है.
मनीष सिसोदिया सोमवार को अहमदाबाद हवाई अड्डे पहुंचने के बाद गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी के गृह जिले भावनगर गए. उन्होंने स्कूली शिक्षा पर बहस के लिए हाल में वघानी को चुनौती दी थी. सिसोदिया ने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद ‘आप’ सरकार ने दिल्ली के सरकारी विद्यालयों का चेहरा ही बदल दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल के सत्ता में आने के बाद, हमने दिल्ली में सरकारी विद्यालयों का चेहरा, उनकी तस्वीर बदल दी है.
केजरीवाल ने भी किया ट्वीट
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी 27 साल से गुजरात में सत्ता में हैं. मैं यह देखना और समझना चाहता हूं कि बीजेपी ने अपने शासन के इन 27 साल में क्या बदलाव और सुधार किए हैं. सिसोदिया के दौरे से एक दिन पहले रविवार को, केजरीवाल ने बीजेपी पर राज्य में अच्छी शिक्षा देने में विफल रहने का आरोप लगाया था.
केजरीवाल ने ट्वीट किया था, ‘‘बीजेपी के लोग भी गुजरात की चरमराती शिक्षा पर प्रश्न उठा रहे हैं. पार्टी लाइन से ऊपर उठकर गुजरात में अच्छी शिक्षा के लिए आवाज उठने लगी है. बीजेपी 27 साल में अच्छी शिक्षा नहीं दे पाई.‘आप’ सरकार गुजरात के लोगों और सभी दलों को साथ लेकर गुजरात में भी दिल्ली की तरह अच्छी शिक्षा देगी.’’
उल्लेखनीय है कि वघानी ने हाल में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में यह कहकर विवाद को जन्म दे दिया था कि जिन्हें गुजरात की शिक्षा प्रणाली से दिक्कत है, वे अपने बच्चों का विद्यालय त्याज्य प्रमाणपत्र लेकर दूसरे राज्यों में जा सकते हैं.