Guajrat News: गुजरात हाईकोर्ट आज मंगलवार को भाजपा महिला विंग की एक नेता की याचिका पर सुनवाई करने वाला है जिसमें एक विधायक के खिलाफ एफआईआर करने की मांग की गई है, जो गुजरात सरकार में मंत्री है. महिला के मुताबिक मंत्री ने कथित तौर पर शादी के वादे पर उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए और बाद में उसे दलित होने के कारण ठुकरा दिया.
क्या है पूरा मामला?
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि विधायक ने उनसे पार्टी के काम के बहाने सचिवालय में मुलाकात की, उनका फोन नंबर लिया और फिर उन्हें 2020 में गांधीनगर में विधायक क्वार्टर में मिलने के लिए कहा. 20 अक्टूबर, 2021 को डीजीपी के समक्ष महिला के आवेदन में कहा गया है कि जब वह 2020 में सचिवालय में विधायक से मिली, तो उसने उसका नंबर मांगा और उसी पार्टी से होने के नाते महिला ने बिना किसी झिझक के अपना नंबर दे दिया.
उसमें आगे कहा गया है कि मंत्री ने अपने विधायक आवास पर महिला से मिलने के लिए कहा और मीठी-मीठी बातें कीं और बताया कि वह उनकी सामाजिक सेवा गतिविधियों से प्रभावित हैं और पत्नी के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार है. महिला ने कहा कि क्या वह मुझे स्वीकार कर सकते हैं क्योंकि मैं अनुसूचित जाति से हूं और वह ठाकोर दरबार हैं. उसने कहा कि वह मुझे स्वीकार करने और अपनी पत्नी को छोड़ने के लिए तैयार था.
शादी का झांसा देकर बनाए शारीरिक संबंध
डीजीपी के समक्ष आवेदन में कहा गया कि जुलाई 2020 में उनके बीच शारीरिक संबंध थे. महिला के अनुसार, विधायक ने अगले दो से तीन महीनों तक उससे संपर्क नहीं किया और जब उसने उसे फोन किया, तो उसने कथित तौर पर पार्टी और सरकार में अपनी स्थिति का हवाला देते हुए, साथ ही साथ विभिन्न जातियों के लोगों का हवाला देते हुए उससे संबंध तोड़ लिया. महिला ने दावा किया कि मंत्री के एक सहयोगी ने भी घटना के बारे में चुप नहीं रहने पर उसे कुचलने और इसे दुर्घटना का रूप देने की धमकी दी.
महिला ने दावा किया कि उसने फरवरी 2021 में डीजीपी के कार्यालय में एक एफआईआर दर्ज करने के लिए एक लिखित आवेदन दिया और अक्टूबर 2021 में फिर से पुलिस महानिरीक्षक गांधीनगर रेंज, गांधीनगर के पुलिस अधीक्षक और सेक्टर 21 पुलिस स्टेशन सहित कई पुलिस अधिकारियों को लिखित आवेदन दिया. क्योंकि कथित अपराध की जगह गांधीनगर में विधायक क्वार्टर में थी. हालांकि एफआईआर दर्ज नहीं की गई.
आखिरकार हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया
अधिवक्ता हिरेन शर्मा के अनुसार, महिला ने नवंबर 2021 में गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के ललिता कुमारी फैसले के अनुपालन में एफआईआर दर्ज करने के लिए अदालत के हस्तक्षेप की मांग की गई और पुलिस सुरक्षा की भी मांग की गई. दिसंबर 2021 में, गुजरात एचसी ने निर्देश दिया कि अतिरिक्त लोक अभियोजक सुनवाई की अगली तारीख पर एफआईआर के पंजीकरण के लिए उच्च अधिकारी को किए गए प्रतिनिधित्व के मद्देनजर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें. उच्च न्यायालय में मामला लंबित होने के कारण मंत्री ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति विपुल पंचोली की अदालत आज मंगलवार को सुनवाई करने वाली है.
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