Gujarat News: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से ही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) को बड़ी सफलता हाथ लगी. इन तस्वीरों के माध्यम से पता चला कि कैसे एक कथित मादक पदार्थ स्मगलर ने गलत ढंग से की गई कमाई की बदौलत गुजरात के एक गांव में बंगला बना लिया. दरअसल, नवंबर 2021 में गुजरात के मोरबी जिले में आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) द्वारा की गई 600 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ की जब्ती की गई. वहीं इस मामले का आरोपी इशा राव अब तक फरार है. एटीएस की कार्रवाई के बाद में यह जांच एनसीबी को सौंपी गई थी.


एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि इसरो के एडवांस्ड डाटा प्रोसेसिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा उपलब्ध कराई गई सेटेलाइट तस्वीरों से सामने आया है कि कैसे इशा राव पिछले तीन सालों में देवभूमि-द्वारका जिले के जोडिया गांव में अपनी संपत्ति बनाई और 50 लाख रुपये से अधिक का बंगला बनवाया.उन्होंने बताया कि इन तस्वीरों में 2019 से निर्माण के भिन्न-भिन्न चरण नजर आ रहे हैं. अधिकारी ने कहा, जांच से खुलासा हुआ कि राव ने मादक पदार्थ के धंधे से जो पैसे कमाए उससे यह संपत्ति बनाई गई. 


समुद्र के रास्ते आया था मादक पदार्थ
चूंकि उसका परिवार जांच में सहयोग नहीं कर रहा है तो हमने यह स्थापित करने के लिए सेटेलाइट तस्वीरों का उपयोग किया कि यह संपत्ति तीन सालों में कैसे बनाई गई है. अधिकारी का कहना है कि इस मकान को अब कुर्क किया गया है. माना जा रहा है कि राव फिलहाल पाकिस्तान के कराची में है. नवंबर 2021 में गुजरात एटीएस ने मोरबी जिले के जिंजुदा गांव के एक निर्माणाधीन मकान से 600 करोड़ रुपये की 120 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी. साथ ही इस मामले में आरोपी इशा राव के भाई मुख्तार हुसैन समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान एटीएस ने कहा था कि यह मादक पदार्थ इशा राव के पाकिस्तानी साथियों ने समुद्र मार्ग से भेजा था.



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