Gujarat: मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर के खिलाफ उत्पीड़न के आरोपों की होगी जांच, नया पैनल किया गया गठित
Gujarat: बीजेएमसी के प्रोफेसर के खिलाफ लगाए गए उत्पीड़न और प्रताड़ना के आरोपों की 'निष्पक्ष, तटस्थ और निष्पक्ष' जांच के लिए एक नयी समिति गठित करने और साथ ही 30 दिन तक जांच करने के आदेश दिए
Gujarat: गुजरात के हेल्थ डिपार्टमेंट ने सोमवार को बीजे मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ कमलेश उपाध्याय के खिलाफ लगाए गए उत्पीड़न और प्रताड़ना के आरोपों की 'निष्पक्ष, तटस्थ और निष्पक्ष' जांच के लिए एक नई समिति गठित करने का और साथ ही 30 दिनों के अंदर जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं.
क्या है पूरा मामला?
जेडीए-बीजेएमसी लगभग तीन महीने से डॉ कमलेश उपाध्याय के खिलाफ विरोध दर्ज कर रहा है और साथ ही एक बयान जारी किया गया था किअगर एक स्वतंत्र समिति द्वारा निष्पक्ष जांच की नहीं की गई तो जूनियर डॉक्टर 21 फरवरी से इमरजेंसी और कोविड -19 कर्तव्यों से हट जाएंगे. 21 फरवरी को गठित समिति में सेवानिवृत्त उप सचिव आई एन सोलंकी और सीएम गोहिल और सूरत के सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ निमेश वर्मा शामिल हैं.
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इससे पहले भी बनाई गई थी समिति
इससे पहले दिसंबर 2021 में, आरोपों की जांच के लिए एक समिति बनाई गई थी जिसमें जामनगर में एमपी शाह मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ नंदिनी देसाई और भावनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ हेमंत मेहता शामिल थे. डॉ देसाई के अनुरोध पर, समिति ने दो और सदस्यों को जोड़ा था जो कि वडोदरा में एसएसजी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ आर जी अय्यर और सरकारी मेडिकल कॉलेज, सूरत के डीन, डॉ रुतुंभरा मेहता हैं.
30 दिन के अंदर जांच पूरी करने के आदेश
स्वास्थ्य विभाग के आदेश में कमेटी को 30 दिन के अंदर जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है. इस बीच बीजेएमसी के डीन डॉ जयेश सचडे द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि गठित जांच समिति द्वारा मेडिसिन विभागाध्यक्ष के खिलाफ जांच की अवधि के दौरान मेडिसिन विभाग के अंडरग्रेजुएट और इंटर्न छात्रों से संबंधित कार्य बीजेएमसी के डीन और पोस्टग्रेजुएट छात्रों से संबंधित कार्य शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशक द्वारा किया जाएगा.