Gujarat News: गुजरात को आज मियावाकी वन और भूलभुलैया गार्डन की सौगात देंगे पीएम मोदी, जानें इनकी खासियतें
Gujarat: मियावाकी तकनीक से बेहद कम समय में घने और देसी जंगल खड़े किये जा सकते हैं. इस तकनीक में विभिन्न प्रजातियों के पौधे एक-दूसरे के करीब लगाए जाते हैं जो घने जंगल के रूप में विकसित होते हैं.
Kevadia News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 30 अक्टूबर यानी आज गुजरात के केवड़िया के एकता नगर में पर्यटकों के लिए आकर्षण के दो नए केंद्र मेज गार्डन (भूलभुलैया उद्यान) (Maze Garden) और मियावाकी वन (Miyawaki Forest) का उद्घाटन करेंगे. तीन एकड़ में फैला यह मेज पार्क देश का सबसे बड़ा भूलभुलैया गार्डन है. भूलभुलैया उद्यान का रास्ता 2100 मीटर लंबा है जो पर्यटकों को खासा आकर्षित करेगा. हैरानी की बात ये है कि इस उद्यान को महज आठ महीने में बनाकर तैयार किया गया है.
Gujarat | PM Narendra Modi will inaugurate two tourist attractions - a Maze (labyrinth) Garden and Miyawaki Forest - at Ekta Nagar in Kevadia, today pic.twitter.com/Mj6QTATjOq
— ANI (@ANI) October 30, 2022
2 एकड़ में फैले मियावाकी वन का भी करेंगे उद्घाटन
इसके अलावा पीएम मियावाकी वन का भी उद्घाटन करेंगे जो करीब 2 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया गया है. चूंकि इस गार्डन को जापानी वनस्पतिशास्त्री एवं पारिस्थितिक विज्ञानी अकीरा मियावाकी की तकनीक का इस्तेमाल करके विकसित किया गया है, इसलिए इस गार्डन का नाम मियावाकी वन रखा गया है.
Miyawaki Forest is named after the technique developed by Japanese botanist and ecologist Dr Akira Miyawaki to plant saplings of various species are planted close to each other which develops into a dense urban forest. pic.twitter.com/3uTv9aPB2l
— ANI (@ANI) October 30, 2022
बता दें कि इस तकनीक से बेहद कम समय में घने और देसी जंगल खड़े किये जा सकते हैं. इस तकनीक में विभिन्न प्रजातियों के पौधे एक-दूसरे के करीब लगाए जाते हैं जो घने जंगल के रूप में विकसित होते हैं. मियावाकी तकनीक से एक घना जंगल केवल 2-3 वर्षों बसाया जा सकता है, जबकि पारंपरिक पद्धति से इसे उगाने में कम से कम 20 से 30 साल लगते हैं.
डंपिंग साइट हो हरे-भरे मैदान में दिया बदल
मेज गार्डन को श्रीयंत्र के आकार में डिजाइन किया गया है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. गार्डन के भूलभुलैया रास्ते पर्यटकों में एक रोमांच की भावना पैदा करेंगे. इस भूलभुलैया गार्डन के पास 1,80,000 पौधे लगाए गए हैं. इनमें ऑरेंज जेमिन, मधु कामिनी, ग्लोरी बोवर और मेहंदी के पौधे शामिल हैं.
इस गार्डन के बारे में जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वह यह कि जिस जगह ये गार्डन बना है वह स्थान कभी एक डंपिंग साइट हुआ करती थी, लेकिन आज यहां एक हराभरा पार्क विकसित हो चुका है. पारिस्थितिकी तंत्र के लिहाज से भी यह उद्यान काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि पार्क में बड़ी संख्या में पक्षी, तितलियां और मधुमक्खियां पनप रही हैं.
मियावाकी वन में ये होगा आकर्षण का केंद्र
वहीं बात अगर मियावाकी वन की करें तो इसमें सभी देसी प्रजातियों के पेड़ लगाए गए हैं. वन में इमारती लकड़ी का बगीचा, फलों का बगीचा, औषधीय उद्यान, मिश्रित्रि प्रजातियों का एक मियावाकी खंड और एक डिजिटल ओरिएंटेशन सेंटर पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र होगा.
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