Gujarat News: मावडी इलाके में मंगलवार देर रात एक भड़के हुए सांड के गाडि़यों की चपेट में आने से एक 65 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गयी और उसका साथी घायल हो गया. महिलाओं के पारंपरिक कपड़ों की दुकान में काम करने वाले वीनू मकवाना और कमल पटादिया चनिया चोलिस की डिलीवरी कराकर लौट रहे थे. दो बैल सड़क के कोने में लड़ रहे थे तभी उनमें से एक अचानक सड़क की ओर दौड़ा और उनके दो पहिया वाहनों को टक्कर मार दी.


कैसे हुई घटना?


बाइक के टकराते ही दोनों फिसल कर सड़क पर गिर पड़े और उनकी बाइक डिवाइडर से जाकर टकरा गई. मकवाना के सिर में गंभीर चोटें आईं, जबकि पटादिया के हाथ और पैर जख्मी हो गए.


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उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां बुधवार की सुबह मकवाना की मौत हो गई, जबकि पटादिया की हालत थोड़ी ठीक है. इस घटना ने एक बार फिर राजकोट नगर निगम (आरएमसी) के आवारा मवेशियों की समस्या को खत्म करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के दावों पर पानी फेर दिया है.


 


RMC में 4,000 जानवर रजिस्टर्ड तो सड़कों पर 15,000 


सूत्रों के मुताबिक, आरएमसी में 4,000 जानवर रजिस्टर्ड हैं, लेकिन सड़कों पर लगभग 15,000 जानवर हैं, जिनमें ज्यादातर मवेशी हैं. इसके अलावा, नागरिक निकाय के पास आवारा मवेशियों को पकड़ने के लिए सिर्फ एक वाहन है. अपने जानवरों को सड़क पर छोड़ने के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित नहीं किया जाता है क्योंकि मालिकों के बारे में बहुत कम जानकारी है.


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