Gujarat News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से हुई उनकी बातचीत के दौरान उन्होंने प्रस्ताव दिया कि यदि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) अनुमति देता है तो भारत अपने भंडार से खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति दुनिया को कर सकता है. गुजरात के अडलाज में श्री अन्नपूर्णाधाम न्यास के हॉस्टल एवं शिक्षा परिसर का वीडियो कांफ्रेंस से उद्घाटन और जनसहायक ट्रस्ट के हीरामणि आरोग्यधाम का भूमिपूजन करने के बाद अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि युद्ध के चलते दुनिया के विभिन्न हिस्सों में खाद्य भंडार कम होता जा रहा है.


युद्ध के बाद हर कोई अपने भंडार को सुरक्षित रखना चाहता है


उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया आज अनिश्चय की स्थिति का सामना कर रही है क्योंकि जिसे जो चाहिए वह मिल नहीं रहा है. पेट्रोल, तेल, खाद की खरीद में कठिनाई आ रही है क्योंकि सभी दरवाजे बंद होते जा रहे हैं. इस (रूस-यूक्रेन) युद्ध के बाद हर कोई अपने भंडार को सुरक्षित रखना चाहता है. उन्होंने आगे कहा कि दुनिया अब एक नये संकट का सामना कर रही है. दुनिया का खाद्य भंडार खाली होता जा रहा है. मैं अमेरिकी राष्ट्रपति से बात कर रहा था, उन्होंने भी यह मुद्दा उठाया. मैंने सुझाव दिया कि यदि डब्ल्यूटीओ अनुमति देता है तो भारत कल से ही दुनिया को खाद्य भंडार की आपूर्ति शुरु करने को तैयार है.


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'किसानों ने दुनिया को खिलाने की भी व्यवस्था कर ली है'


पीएम मोदी ने कहा कि भारत के पास अपने लोगों के लिए पर्याप्त खाद्यान्न हैं लेकिन लगता है कि देश के किसानों ने दुनिया को खिलाने की भी व्यवस्था कर ली है. उन्होंने कहा हालांकि हमें दुनिया के कानूनों के अनुरूप काम करना होगा. मुझे नहीं पता कि डब्ल्यूटीओ कब अनुमति देगा और हम दुनिया को खाद्य आपूर्ति कर सकेंगे.


बता दें कि पीएम मोदी 20 अप्रैल को अपने गुजरात दौरे पर आ रहे हैं. इसी के साथ पीएम दाहोद जिले के उचवां गांव में पशु देखभाल केंद्र का उद्घाटन करेंगे. 45 लाख रुपये की लागत से बने इस पशु केंद्र का उद्देश्य आदिवासी जिले में मानव-पशु संघर्ष की घटनाओं को कम करना है, जहां से लगातार तेंदुए के हमले की खबरें आती रहती है.


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