Gujarat: भ्रष्टाचार के आरोप में गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी राजेश छुट्टी पर चले गए हैं. IAS के राजेश तीन बार तलब किए जाने के बावजूद सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए.  सीबीआई सूत्रों ने कहा कि अगर वह जांचकर्ताओं के सामने पेश होने में विफल रहे है तो उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया जा सकता है. कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि अधिकारी के अग्रिम जमानत के लिए दाखिल होने की संभावना है और वह वकीलों के साथ अपना मामला तैयार करने में व्यस्त हैं.


60 से अधिक आवेदन हो चुके थे जमा
अहमदाबाद मिरर में छपी खबर के अनुसार सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि गुजरात के एक पूर्व सांसद ने 60 से अधिक आवेदन जमा किए थे, जिसमें राजेश का ध्यान नागरिकों और कंपनियों, विशेष रूप से खनन कंपनियों से खनन पट्टे के खिलाफ रिश्वत मांगने की ओर आकर्षित किया गया था. सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि एक पूर्व विधायक के साथ उसके संबंध भी सामने आए हैं. विधायक राजेश की सरकारी गाड़ी में घूमते थे. राजेश ने विधायक के बेटे को दिया खास ट्रीटमेंट राजेश के बारडोली के एक साथी से भी संबंध की जांच की जा रही है.


हम उन सभी के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें एसपी द्वारा व्यक्तियों के बारे में नकारात्मक राय देने के बावजूद बंदूक के लाइसेंस दिए गए थे. हम आईएएस अधिकारी के सुरेंद्रनगर कलेक्टर के कार्यकाल के दौरान भूमि भूखंडों को नियमित करने की प्रक्रिया पर भी विचार कर रहे हैं. आपको बता दें कि  गुजरात के आईएएस के राजेश पर कलक्टर रहते लोगों को अनधिक्रत रूप से बंदूक लाईसेंस देने, रिश्वत में सूरत में दुकान व किसान से तिल का तेल तक लेने के आरोप लग रहे हैं.


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