Gujarat News: गुजरात हाईकोर्ट की पूर्व जज और गुजरात सरकार के ओबीसी आयोग की मौजूदा अध्यक्ष सुगन्या भट्ट (Sugnya Bhatt) का गुरुवार सुबह अहमदाबाद के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में कोरोना से निधन हो गया. सुगन्या भट्ट 80 साल की थीं और उनके परिवार में उनकी छोटी बहन भारती हैं.


कोरोना के चलते मल्टी-ऑर्गन फेल्योर से हुई मौत


भारती के मुताबिक उनकी बड़ी बहन की गुरुवार सुबह कोविड -19 से जूझते हुए मौत हो गई. उन्होंने कहा, "सब कुछ अचानक हुआ और आज गुरुवार सुबह उनका निधन हो गया. भट्ट परिवार के एक पारिवारिक मित्र के अनुसार "खराब स्वास्थ्य के बाद, सुगन्याबेन को हाल ही में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. स्वास्थ्य में सुधार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई. हालांकि मंगलवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिसके बाद पता चला कि उन्हें कोरोना है. आज इलाज के दौरान मल्टी-ऑर्गन फेल्योर से उनकी मौत हो गई.


सुगन्या भट्ट को 28 फरवरी, 1968 को गुजरात हाई कोर्ट के एक वकील के रूप में नामांकित किया गया था और बाद में उन्हें 1 अक्टूबर 1989 को सीधे अहमदाबाद सिटी सिविल कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. इसके बाद, उन्हें पदोन्नत किया गया और अहमदाबाद सिटी सिविल के अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया.


नवंबर 1990 में कोर्ट फिर उन्हें उच्च न्यायपालिका में पदोन्नत किया गया और 1994 में गुजरात उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया. फिर उन्हें केरल उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए विरोध में अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू करने से इनकार कर दिया जिसके बाद वह 2 जनवरी, 1995 से उच्च न्यायालय की न्यायाधीश नहीं रहीं.


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