OBC Reservation: बीजेपी और कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडलों ने गुरूवार को यहां एक आयोग को ज्ञापन सौंपे जिसका गठन गुजरात सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण के संबंध में फैसला करने के लिए स्थानीय निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति और निहितार्थ की जांच करने के लिए किया है. बीजेपी ने स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को अधिकतम संभव आरक्षण देने का 'विशेष आयोग' से आग्रह किया, वहीं विपक्षी कांग्रेस ने आरक्षण स्तर को 27 फीसदी तक ले जाने का आग्रह किया.
ओबीसी समुदायों के लिए 10 फीसदी सीट आरक्षित
गुजरात पंचायत कानून के अनुसार ग्राम पंचायत चुनावों में ओबीसी समुदायों के लिए 10 फीसदी सीट आरक्षित हैं. बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री शंकर चौधरी, वर्तमान मंत्री जगदीश पांचाल, ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर और प्रदेश प्रवक्ता भरत डांगर शामिल थे. डांगर ने गांधीनगर में कहा, ‘‘बीजेपी हमेशा अंतिम कतार के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के दर्शन में विश्वास करती है. इस प्रकार, हमने आयोग से स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी उम्मीदवारों को अधिकतम संभव आरक्षण देने का आग्रह किया है. हम ओबीसी को न्याय देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. '
जाति सर्वेक्षण के पक्ष में है कांग्रेस
गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी राज्य में ओबीसी की सही आबादी का पता लगाने के लिए जाति सर्वेक्षण के पक्ष में है. उन्होंने कहा, 'आरक्षण आबादी और ओबीसी की वर्तमान सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति के आधार पर दिया जाएगा, ऐसे में हमारी पहली मांग ओबीसी आबादी का पता लगाने के लिए जनगणना की है. हमारे अनुमान के अनुसार, ओबीसी (राज्य की) आबादी का 52 फीसदी हैं.’’
आरक्षण को वर्तमान 10 फीसदी से बढ़ाने का आग्रह
उन्होंने कहा, 'उस मामले में, हमने आयोग से आरक्षण को वर्तमान 10 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का आग्रह किया. यहां तक कि बजट भी इस नए अनुपात के अनुसार ही आवंटित होने चाहिए.' गुजरात की बीजेपी सरकार ने स्थानीय निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति और प्रभाव के बारे में आंकड़े एकत्र करने और उनके विश्लेषण के लिए जुलाई में आयोग का गठन किया था.
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