(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gujarat News: गुजरात में पाटीदार समुदाय की मांग, लव मैरिज के लिए गार्जियन के सिग्नेचर हों अनिवार्य
Patidar Community: गुजरात में पाटीदार समुदाय ने प्रेम विवाह के लिए पेरेंट्स के हस्ताक्षर को अनिवार्य करने की मांग की है. उनका कहना है कि इससे 'लव जिहाद' को रोकने में मदद मिलेगी.
Patidar Community in Gujarat: गुजरात में पाटीदार समुदाय के सदस्यों ने बुधवार को मांग उठाई कि अगर समुदाय की कोई लड़की उसके माता-पिता की सहमति के बिना अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी का निर्णय लेती है तो शादी के पंजीकरण के लिए कम से कम एक अभिभावक के हस्ताक्षर को अनिवार्य किया जाए. समुदाय ने कहा, इससे ‘‘लव जिहाद’’ के साथ ही उन मामलों पर लगाम लग पाएगी जिनमें समुदाय की लड़कियों को उनके परिवारों के स्वामित्व वाली संपत्ति पाने के लिए निशाना बनाया जाता है.
विश्व उमिया धाम के अध्यक्ष ने कही ये बात
एक प्रमुख पाटीदार संगठन विश्व उमिया धाम के अध्यक्ष आर पी पटेल ने कहा, ‘‘पाटीदार समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल मौजूदा हिंदू विवाह अधिनियम में एक प्रावधान जोड़ने के लिए राज्य सरकार को ज्ञापन देगा.’’ इस संबंध में सरकार को ज्ञापन देने का निर्णय बुधवार को अहमदाबाद के पास विश्व उमिया धाम परिसर में 18 पाटीदार संगठनों की बैठक के दौरान लिया गया.
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कौन होते हैं पाटीदार?
शाब्दिक अर्थ में पाटीदार खेती के लिए भूमि की पट्टियों के धारक होते हैं. पट्टा जारी करने (राजस्व के भुगतान के बदले भूमि पर खेती करने की अनुमति) की प्रथा का पता मध्यकाल में लगाया जा सकता है. लेकिन, यह ब्रिटिश राज के तहत गुजरात में एक बड़ा सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाया जब नए भूमि सुधार पेश किए गए. पाटीदार का इतिहास मध्यकाल की दो जातियों, किसान जाति कानबी और योद्धा कोली का एक दिलचस्प सामाजिक-आर्थिक वर्णन है. मध्य गुजरात और सौराष्ट्र में ब्रिटिश भूमि सुधार लागू होने से पहले कानबी और कोली को समान सामाजिक-आर्थिक स्थिति प्राप्त थी.
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