Patidar Reservation: पाटीदार समुदाय के प्रमुख नेताओं ने बुधवार को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से मुलाकात की और पाटीदार आरक्षण आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने जैसी लंबित मांगों के समाधान की मांग की. गांधीनगर में मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर यह बैठक ऐसे समय हुई है जब इस साल के अंत में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं. प्रतिनिधिमंडल के एक प्रमुख सदस्य सी के पटेल ने कहा, बैठक के दौरान राज्य सरकार का दृष्टिकोण सकारात्मक था.


मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि वह जल्द से जल्द इन मुद्दों का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे. हमें बताया गया कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी संबंधित अधिकारियों को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि उमियाधाम और खोडलधाम सहित पाटीदार (या पटेल) समुदाय के लगभग 20 संगठनों के नेताओं ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि इन संगठनों ने बेहतर समन्वय के लिए विश्व पाटीदार महासंघ का गठन किया है.


सीएम के सामने रखी गई ये मांग
पटेल ने कहा, ‘‘हमने मुख्यमंत्री से 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान पाटीदारों के खिलाफ दर्ज सभी शेष मामलों को वापस लेने का अनुरोध किया. हमने उनका ध्यान अपनी पुरानी मांग की ओर भी दिलाया कि आंदोलन के दौरान मारे गए 14 पाटीदार समुदाय के सदस्यों में से परिवार के कम से कम एक सदस्य को नौकरी दी.’’ उन्होंने कहा कि बैठक में उठाए गए अन्य मुद्दों में कर्मचारियों की कमी के कारण गुजरात राज्य अनारक्षित वर्ग आयोग से ऋण प्राप्त करने में पाटीदार युवाओं द्वारा सामना की जाने वाली समस्याएं भी शामिल हैं.


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मुख्यमंत्री से किया ये आग्रह
उन्होंने कहा, ‘‘हमने मुख्यमंत्री से काम में तेजी लाने के लिए आयोग को शिक्षा विभाग के दायरे में लाने का आग्रह किया. हमने आयोग के वार्षिक बजट को 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये करने की भी मांग की. छात्र ऋण की सीमा भी 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये की जानी चाहिए.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव से पहले इन मुद्दों को हल करने का वादा किया है, पटेल ने कहा कि उनकी मांगों का चुनाव से कोई लेना-देना नहीं


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