Gujarat News: गुजरात में ईंधन की कमी के बीच सरकार का आश्वासन, कहा- दो दिनों के भीतर दूर हो जाएगी समस्या
Fuel Crisis in Gujarat: गुजरात में इन दिनों ईंधन की कमी देखी जा रही. लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच सरकार ने ये आश्वासन दिया है कि इस समस्या को जल्द ही दूर कर लिया जायेगा.
Petrol Crisis in Gujarat: गुजरात में कई पेट्रोल पंप सूख रहे हैं. कई पेट्रोल पंप में आपूर्ति कम है. लोगों को अपने टैंक भरने के लिए एक पेट्रोल पंप से दूसरे पेट्रोल पंप पर जाना पड़ रहा है. हालांकि, राज्य सरकार को भरोसा है कि वह एक या दो दिन में संकट का समाधान कर लेगी. अरावली, गिर सोमनाथ, वलसाड यहां तक कि अहमदाबाद और वडोदरा जैसे बड़े शहरों से राज्य भर से ईंधन की कमी की सूचना मिली है. कुछ पेट्रोल पंपों को नियमित आपूर्ति नहीं मिल रही है. गिर सोमनाथ के एक पेट्रोल पंप मालिक ने कहा कि सात-आठ दिन पहले उसने ऑर्डर दिया था, लेकिन पांच दिन बाद आपूर्ति मिली और अब उसका पेट्रोल पंप सूख रहा है. उसे नहीं पता कि नई आपूर्ति कब आएगी.
क्या बोले नागरिक आपूर्ति मंत्री नरेश पटेल?
नागरिक आपूर्ति मंत्री नरेश पटेल ने कहा कि न्यारा और रिलायंस जैसी रिफाइनरियों में कुछ समस्या है. इसलिए कुछ पंपों में कमी है. उन्होंने कहा कि आईओसी पेट्रोल पंपों को कोई समस्या नहीं हो रही है, क्योंकि उन्हें नियमित आपूर्ति मिल रही है. जो पेट्रोल पंप सूख रहे हैं, वे एचपीसीएल, बीपीएल और यहां तक कि न्यारा के भी हैं. गुजरात के ये पेट्रोल पंप जामनगर में न्यारा और रिलायंस रिफाइनरियों पर निर्भर हैं. दूसरा कारण यह हो सकता है कि लोग न्यारा पेट्रोल पंपों से पेट्रोल या डीजल खरीदना पसंद नहीं करते क्योंकि वे सार्वजनिक क्षेत्र के पंपों से महंगे हैं.
क्या बोले एफजीपीडीए के अध्यक्ष अरविंद ठक्कर?
फेडरेशन ऑफ गुजरात पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (एफजीपीडीए) के अध्यक्ष अरविंद ठक्कर ने कहा कि पेट्रोल से ज्यादा डीजल की कमी है. उन्होंने कहा, राज्य की मासिक डीजल आवश्यकता 55 करोड़ लीटर है. कम आपूर्ति भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम से है.
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पाद अधिक बिक रहे हैं और घरेलू दरें कम हैं, इसलिए घाटे को नियंत्रित करने के लिए रिफाइनरियां अंतरराष्ट्रीय बाजार से कम स्टॉक उठा रही हैं. जिससे बाजार में कमी हो रही है. लेकिन, आपूर्ति के अंतर को IOC द्वारा पूरा किया जा रहा है जो एक बड़ी कंपनी है. मंत्री ने कहा, एक तरफ आपूर्ति कम है और दूसरी तरफ उपभोक्ता अपने टैंकों को फिर से भरने के लिए पड़ोसी राज्यों से गुजरात आ रहे हैं, क्योंकि गुजरात में दरें कम हैं.
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