Gujarat Political News: 'नर्मदा में शिक्षा का स्तर बहुत नीचे' BJP नेता के इस बयान पर AAP बोली- गुजरात में खराब है व्यवस्था
Gujarat Political News: आप के नेता इसुदान गढ़वी ने कहा कि जहां भाजपा यह दावा करने की कोशिश कर रही है कि गुजरात में शिक्षा प्रणाली बहुत अच्छी है, वहीं अब उसका झूठ सामने आ गया है.
Gujarat Political News: गुजरात (Gujarat) आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता इसुदान गढ़वी (Isudan Gadhvi)ने सोमवार को कहा कि जहां भाजपा यह दावा करने की कोशिश कर रही है कि गुजरात में शिक्षा प्रणाली बहुत अच्छी है, वहीं अब उसका झूठ सामने आ गया है. गढ़वी भरूच से भाजपा ( BJP) सांसद मनसुख वसावा (Mansukh Vasava)द्वारा राजपीपला में स्कूली बच्चों को संबोधित किए जाने के दौरान दिए गए एक बयान का जिक्र कर रहे थे, जिससे राज्य के राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई थी.
वसावा ने कहा था, "नर्मदा जिले में शिक्षा का स्तर बहुत नीचे है. मेरे पास इस बात के सबूत हैं कि शिक्षा का स्तर नीचे चला गया है. गुजरात के कुछ ही युवा पुरुष और महिलाएं आईएएस या आईपीएस अधिकारी के रूप में चुने जाते हैं. गुजरात के बैंकों में, प्रबंधकों के पदों में से 1 प्रतिशत से भी कम गुजरातियों के पास है." वसावा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गढ़वी ने कहा कि निजी स्कूलों में फीस दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, जबकि राज्य के सरकारी स्कूलों की हालत बद से बदतर है.
भाजपा सरकार को सकारात्मक बदलाव में विश्वास नहीं
गढ़वी ने कहा, "गुजरात की शिक्षा व्यवस्था की बदहाली देखकर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को गुजरात जाना पड़ा. उन्होंने स्कूलों का दौरा किया और सरकार से शिक्षा व्यवस्था में सुधार की अपील की, लेकिन भाजपा सरकार कभी भी सकारात्मक बदलाव में विश्वास नहीं करती. आप नेता ने कहा, "भाजपा सांसद मनसुख वसावा ने अब खुद स्वीकार किया है कि गुजरात में शिक्षा प्रणाली त्रुटिपूर्ण है. राज्य में कोई उचित सरकारी स्कूल नहीं है, जहां बच्चे पढ़ सकें."
गढ़वी ने सवाल किया, "राज्य सरकार का अनुमान है कि 18,000 स्कूलों में कमरों की कमी है, जबकि 700 से अधिक स्कूल एक ही शिक्षक द्वारा चलाए जा रहे हैं. लेकिन शिक्षा मंत्री का कहना है कि अगर आपको यह सही नहीं लगता तो दिल्ली चले जाइए. क्या गुजरात आपकी जागीर है? गुजरातियों को उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली क्यों जाना पड़ता है? अगर अच्छी शिक्षा सभी का अधिकार है, तो गुजरात में क्यों नहीं मिलेगी?"
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