Hardik Patel News: कांग्रेस (Congress) से इस्तीफा देने के एक दिन बाद पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने अपने जीवन के तीन साल ऐसी पार्टी में बर्बाद कर दिए, जो ‘‘जाति की राजनीति’’ करती है. साथ ही, कहा कि अभी उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) या भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है. पटेल ने अयोध्या मामले में बीजेपी की भूमिका की सराहना की और अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त करने के लिए भी पार्टी (बीजेपी) की प्रशंसा की. 


इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के पास कोई ‘विजन’ नहीं है और पार्टी ‘अडानी एवं अंबानी’ की तरह गुजराती लोगों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित है. पटेल ने राजस्थान में हुए कांग्रेस के हालिया चिंतन शिविर का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी को चिंतन के बजाय चिंता करनी चाहिए क्योंकि उसके पास चुनाव जीतने की कोई दूरदृष्टि नहीं है. कोई उद्योगपति अपनी मेहनत से बना है, अगर कोई उद्योगपति मेहनत करता है तो हम उसपर ये लांछन नहीं लगा सकते कि सरकार उसको मदद कर रही है। हर मुद्दे पर आप अडानी, अंबानी को गाली नहीं दे सकते। अगर प्रधानमंत्री गुजरात से हैं तो आप उसका गुस्सा अडानी, अंबानी पर क्यों डाल रहे हैं.



इस साल गुजरात में होने हैं चुनाव
गुजरात में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और पटेल ने कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व के कामकाज की आलोचना करते हुए बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया.


यह पूछे जाने पर कि क्या वह भारतीय जनता पार्टी या आप में शामिल हो सकते हैं, पटेल ने गुरुवार को कहा, “मैंने अभी तक किसी राजनीतिक दल में शामिल होने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है चाहे वह बीजेपी हो या आप. मैं जो भी फैसला लूंगा, जनता के हितों को देखते हुए लूंगा.” पटेल के अनुसार, कांग्रेस से उनकी सबसे बड़ी शिकायत यह थी कि जुलाई 2020 में पार्टी की प्रदेश इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के बावजूद उन्हें कोई सार्थक भूमिका नहीं दी गई.


तीन साल में मेरी एक प्रेस वार्ता तक नहीं- हार्दिक पटेल
उन्होंने कहा, “यह सच है कि कांग्रेस को 2017 विधानसभा चुनाव में पाटीदार आरक्षण आंदोलन (जिसका नेतृत्व पटेल ने किया था) के कारण बहुत फायदा हुआ था. लेकिन (प्रदेश इकाई का) कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के बावजूद मुझे कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई. मुझे पार्टी की अहम बैठकों में भी नहीं बुलाया जाता था. पार्टी ने तीन साल में मेरी एक प्रेस वार्ता तक आयोजित नहीं की.”


पटेल ने कहा, ‘‘सात-आठ नेता पिछले 25 वर्षों से गुजरात में शो चला रहे हैं. दूसरी श्रेणी के नेताओं को कोई महत्व नहीं दिया गया. पार्टी उपयोग करो और फेंकने के सिद्धांत में यकीन करती है. पिछले सात साल में करीब 122 कांग्रेस नेताओं ने पार्टी छोड़ दी जिनमें 30 विधायक और करीब 40 पूर्व विधायक हैं. ’’


कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी कभी हिंदुओं के मुद्दों, जैसे कि संशोधित नागरिकता कानून(सीएए) या वाराणसी की मस्जिद में मिले (कथित) शिवलिंग आदि पर कुछ नहीं बोलती. पटेल ने कहा, “अयोध्या मामले में सत्तारूढ़ बीजेपी के प्रयासों की सराहना की जानी चाहिए. मैंने उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया था और मेरे परिवार ने राम मंदिर निर्माण के लिए 21 हजार रुपये दान भी दिए थे. बीजेपी ने अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाकर भी अच्छा काम किया. जो अच्छा है उसे अच्छा कहने में मुझे कोई संकोच नहीं.”


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