Gujarat Rains Latest News: गुजरात के सौराष्ट्र, द्वारका, जूनागढ़, पोरबंदर सहित कई जिलों में शनिवार को भी बारिश जारी रहने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. बारिश की वजह से कई गांवों का शहर से संपर्क टूट गया है. निचले इलाकों में पानी भर गया है. बाढ़ की आशंका के बीच बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं. बारिश प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं. 


गुजरात आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि देवभूमि द्वारका जिले के द्वारका तालुका में शनिवार शाम छह बजे तक 12 घंटे में 163 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. इसके बाद जूनागढ़ शहर और तालुका में 133 मिलीमीटर बारिश और गिर सोमनाथ जिले के पाटन-वेरावल में 117 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई.


एनडीआरएफ की 10 टीमें तैनात 


अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 10 टीम तैनात की गई हैं और फंसे हुए लोगों को जलमग्न निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए बचाव और राहत अभियान चलाया जा रहा है. भारी बारिश के कारण 16 जलाशय भर गए हैं. 


इन इलाकों में हुई भारी बारिश 


इसके अलावा, सरदार सरोवर बांध सहित 36 जलाशयों और 25 बांधों के लिए अलर्ट जारी किया गया है, जो अपनी कुल क्षमता के 50 से 70 प्रतिशत तक भर गए हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि सौराष्ट्र के द्वारका जिले में असाधारण रूप से भारी बारिश हुई और जूनागढ़ और पोरबंदर में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश हुई.


अभी और बारिश की संभावना


मौसम विभाग ने कहा कि सौराष्ट्र और कच्छ पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है जो औसत समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है और दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है. मंगलवार सुबह तक सौराष्ट्र क्षेत्र और दक्षिण गुजरात के जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश के साथ-साथ अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान है. 


भारी बारिश के बीच केंद्रीय श्रम मंत्री और पोरबंदर के सांसद मनसुख मांडविया स्थिति का आकलन करने और राहत प्रयासों का समन्वय करने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र पहुंचे.  मंत्री ने भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे उपायों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाई और राहत प्रयासों में तेजी लाने का आह्वान किया.  
 
गुजरात सरकार ने कहा कि गुरुवार से लगातार भारी बारिश के कारण सरदार सरोवर बांध में जल भंडारण 55 प्रतिशत से अधिक हो गया है.  इसके अलावा, 206 अन्य जलाशय अब तक अपनी भंडारण क्षमता के 37.87 प्रतिशत तक भर चुके हैं. 


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