Gujarat Riots Case: गुजरात (Gujarat) की एक विशेष अदालत 2002 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान नरोदा गाम (Naroda Gam) में मुस्लिम समुदाय के 11 सदस्यों की हत्या के मामले में गुरुवार को फैसला सुना सकती है. इस मामले के आरोपियों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पूर्व विधायक माया कोडनानी (Maya Kodnani) और बजरंग दल (Bajrang Dal) के नेता बाबू बजरंगी (Babu Bajrangi) भी शामिल हैं.


नरोदा गाम मारे गए थे 11 लोग


मामले में कुल 86 आरोपी थे, लेकिन उनमें से 18 लोगों की सुनवाई के दौरान मौत हो गई. विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.के. बक्शी मामले में 20 अप्रैल को फैसला सुना सकते हैं. गोधरा में ट्रेन आगजनी की घटना में अयोध्या से लौट रहे 58 यात्रियों की मौत के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में दंगों के दौरान कम से कम 11 लोग मारे गए थे.


इन धाराओं में चल रहा मुकदमा


नरोदा ग्राम मामले में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 143 (गैरकानूनी जमावड़ा), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना), 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मुकदमा चल रहा है. 


साबरमती एक्सप्रेस में लगाई गई थी आग


बता दें कि 27 फरवरी 2002 को कारसेवकों से भरी साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन अयोध्या से वापस गुजरात लौटी थी. यहीं पर ट्रेन को घेरकर उसमें आग लगा दी गई थी. कारसेवककों से भरी इस ट्रेन में आगजनी के चलते 58 लोग मारे गए थे. इसी गोदरा कांड के अगले दिन से गुजरात में दंगे शुरू हो गए थे. गुजरात में हुए दंगों मेंं कई बेकसूरों की जान गई थी. सरकारी  आंकड़ों की माने तो 1044 लोग मारे गए थे. इसमें 790 मुसलमान और 254 हिंदू थे. वहीं कई गैर सरकारी संगठनों के मुताबिक गुजरात दंगो में मोत का आंकड़ा सरकारी आंकड़े से कहीं ज्यादा है.


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