Gujrat Riot and NCERT: एनसीईआरटी (NCERT) ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर “पाठ्यपुस्तक युक्तिकरण” (Textbook Rationalisation) अभ्यास के हिस्से के रूप में कक्षा 12 के राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम (पॉलिटिकल साइंस) से गुजरात दंगों पर कंटेंट को हटा दिया है. एनसीईआरटी की ओर से जारी एक नोट के अनुसार गुजरात दंगों पर पेज 187-189 पुस्तक से हटाए गए हैं.
हटाए गए पेज में क्या लिखा था?
एनसीईआरटी की ओर से जारी एक नोट के अनुसार गुजरात दंगों पर आधारित पेज संख्या 187-189 को किताब से हटा दिया गया है. इस पाठ में लिखा गया था, "गुजरात दंगों से पता चलता है कि सरकारी तंत्र भी सांप्रदायिक भावनाओं के प्रति संवेदनशील हो जाता है. यह लोकतांत्रिक राजनीति के लिए खतरा पैदा करता है." आपको बता दें कि, इसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बयान को भी शामिल किया गया है. वाजपेयी ने कहा था, उनका "मुख्यमंत्री (गुजरात के) को एक संदेश है कि उन्हें 'राज धर्म' का पालन करना चाहिए. एक शासक को जाति, पंथ और धर्म के आधार पर अपनी प्रजा के बीच कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए."
और क्या-क्या हटाया गया?
"नक्सली आंदोलन" (Naxalite Movement) के इतिहास पर पुस्तक के पेज 105 और "आपातकाल के संबंध में विवाद" पर पेज 113-117 को भी हटा दिया गया है. एनसीईआरटी ने अपने नोट में कहा कि ये विषय अन्य सिलेबस में भी शामिल हैं, जिससे यह पाठ ओवरलैप हो रहा था. जो अप्रासंगिक है. साथ ही कोरोना महामारी को देखते हुए छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करना जरूरी है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भी इसी पर जोर देती है. इसलिए एनसीईआरटी ने सभी किताबों को युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया है.
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