The Rashtriya Swayamsevak Sangh: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध संस्कृत भारती ने गुजरात सरकार से मांग की है कि वह तीसरी कक्षा से संस्कृत भाषा में ‘गीत, श्लोक और छोटी कहानियों’ को शामिल करना प्रांरभ करे और दावा किया कि यह सुझाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर आधारित है. इसकी पुष्टि करते हुए, ‘गुजरात राज्य संस्कृत भारती’ के आयोजन सचिव, हिमंजय पालीवाल ने कहा, “हमने राज्य सरकार से प्राथमिक विद्यालय से संस्कृत शुरू करने का अनुरोध किया है. हम चाहते हैं कि इसे कक्षा तीन से गीत, श्लोक और छोटी कहानियों के रूप में पेश किया जाए.”


पालीवाल ने किया ये दावा


पालीवाल ने दावा किया, “गुजरात सरकार को दिया गया हमारा सुझाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर आधारित है. संस्कृत भारतीय भाषा प्रणाली की कुंजी है, और अगर हम संस्कृत को समझते और सीखते हैं तो हम भारतीय ज्ञान प्रणाली को समझने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे.” पालीवाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने तीसरी कक्षा से संस्कृत शुरू की है, जबकि छत्तीसगढ़ में इसे दूसरी कक्षा से ही पढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा, “अगर संस्कृत को जल्दी शुरू किया जाता है, तो यह गुजराती जैसी अन्य भारतीय भाषाओं को समृद्ध करेगी. क्योंकि हमने संस्कृत को दरकिनार कर दिया है, हम अपना खुद का शब्दकोष खो रहे हैं.”


Ahmedabad Corona Update: अहमदाबाद में मिले कोरोना संक्रमण के 155 नए केस, एक्टिव केसेस की संख्या हुई 1149


कौन है संस्कृत भारती?


राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, “इस प्रकार संस्कृत को स्कूली और उच्च शिक्षा के सभी स्तरों पर छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण, समृद्ध विकल्प के रूप में पेश किया जाएगा.” संस्कृत भारती एक गैर-लाभकारी संगठन है जो संस्कृत को पुनर्जीवित करने के लिए काम कर रही है.


ये भी पढ़ें-


Gujarat News: गुजरात हाई कोर्ट ने खारिज की फिल्मकार अविनाश दास की जमानत याचिका, जानिए- क्या है पूरा मामला?