Gujarat: गुजरात का सार्वजनिक कर्ज अब 3 लाख करोड़ रूपए के पार पहुंच चुका है. 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार मंगलवार को राज्य विधानसभा को इसकी जानकारी दी गई. यह जानकारी राज्य के वित्त मंत्री कानू देसाई ने प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक पुंजा वंश के एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी.


पिछले दो सालों का यह रहा डाटा


पिछले दो वर्षों में भुगतान किए गए ब्याज पर एक उप-प्रश्न के लिखित उत्तर में, देसाई ने कहा कि राज्य ने 2019-20 में ब्याज के रूप में 20,293 करोड़ रुपये और मूलधन के रूप में 16,701 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि 2020-21 में ब्याज का भुगतान 22,099 करोड़ और मूलधन का पुनर्भुगतान 17,918 करोड़ रुपये था.


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चर्चा के दौरान, वंश ने कहा कि बजट का 10% राज्य द्वारा लिए गए ऋणों पर ब्याज का भुगतान करने में जा रहा था और मंत्री से पूछा कि राज्य का कर्ज हर गुजरते साल क्यों बढ़ रहा है. हालांकि, देसाई ने जवाब दिया कि राज्य का कर्ज निर्धारित सीमा के भीतर है, यह कहते हुए कि स्वीकार्य ऋण-से-जीडीपी अनुपात के अनुसार, राज्य सरकार 4,50.000 करोड़ रुपये का कर्ज वहन कर सकती है.


हमारा कर्ज जीएसडीपी का लगभग 21% है


देसाई ने आगे बताया कि राज्य का कर्ज विकास का सूचक है हमारा कर्ज विकास का संकेतक है. हमारा कर्ज जीएसडीपी का लगभग 21% है, जो कि निर्धारित सीमा के भीतर है, पंजाब का ऋण-से-जीडीपी अनुपात लगभग 53% है. हमारा कर्ज बढ़ रहा है क्योंकि हम सरदार सरोवर परियोजना जैसे विकास कार्य पर खर्च कर रहे हैं.


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