Sarus Crane Bird: गुजरात के गनासर गांव के लोग करीब 55 दिनों से एक अंडे की देखभाल कर रहे थे. ये किसी सामान्य पक्षी के अंडे नहीं थे. ये अंडे सारस क्रेन पक्षी के थे. इस अंडे को जंगली सूअर ने तोड़ दिया है. इसको लेकर गांव के लोगों में बेहद मायूसी छाई हुई है. गुजरात में इन पक्षियों की बहुत कम संख्या बची है. आपको पिछले कुछ हफ्तों से सरपंच भोजाजी ठाकोर और उनकी पत्नी कंचन की दिनचर्या बदल गई थी. वे हर दिन सुबह लगभग 5.30 बजे गुजरात के गनासर गांव आते थे, जो साणंद से लगभग 8 किमी दूर है.
55 दिनों से कर रहे थे निगरानी
यहां के निवासी 55 दिनों से लगातार सारस के दो अंडे की देखभाल कर रहे थे. निगरानी की ये प्रक्रिया 24 घंटे चलती थी. इतनी मेहनत और निगरानी के बावजूद खेत में घुसे जंगली सुअर ने अंडों को तोड़ दिया. इस खबर को सुनकर गांव के लोग बहुत दुखी हैं. गांव के लोगों ने अंडे को सुरक्षित रखने के लिए एक एकड़ खेत में पानी भर दिया था ताकि अंडे को जंगली सूअर या कुत्ते नुकसान न पहुचाएं. लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनकी सारी मेहनत बेकार हो जाएगी.
एवियन शोधकर्ता देसल पागी ने दी जानकारी
टीओआई के अनुसार एवियन शोधकर्ता देसल पागी ने बताया कि मंगलवार की सुबह जैसे ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो सारस क्रेन जोड़े वहां नहीं थे जहां अंडे थे. सरपंच ने बताया कि अंडे घोंसले से गायब हो गए थे. जानवरों के पैरों के निशान को देखकर अंदाजा लगाया कि यहां जंगली सुअर आए थे. उनलोगों ने पैरों के निशान का पीछा किया लेकिन उन्हें कहीं भी अंडे नहीं मिले.
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अंडे टूटने की खबर से सदमे में गांव
शोधकर्ता देसल पागी के अनुसार, अंडे टूटने की खबर सुनकर पूरा गांव सदमे में है. एक ग्रामीण ने कहा, हम अंडे के फूटने का इंतजार कर रहे थे. जिस जगह पर सारस क्रेन के जोड़े आते थे वहां फसलों की कटाई मशीन से नहीं करते थे. सारस एक लुप्तप्राय प्रजाति है. गुजरात वन विभाग की 2010 में हुई जनगणना के अनुसार तब राज्य में इनकी संख्या 1,900 थी. ऐसा माना जाता है कि इनकी संख्या में गिरावट आई है.
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