Gujarat News: गुजरात (Gujarat) में आवारा पशुओं ने लोगों की परेशानी बढ़ा रखी है और यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है. इसी से संबंधित एक मामले की गुरुवार को सुनवाई हुई. इस मामले को लेकर गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) में राज्य सरकार ने कहा कि नागरिकों की ओर से मवेशियों से खतरे को लेकर पुलिस आपातकालीन नंबर 100 पर शिकायत की जा सकती है. साथ ही हाईकोर्ट में सरकार ने कहा कि मानसून सीजन की वजह से पशु पाउंड के निर्माण में मुश्किलें आ रही हैं. सरकार की तरफ से कहा गया कि पशु पाउंड के निर्माण में थोड़ा समय और लगेगा.
गौरतलब है कि मवेशी उपद्रव से निपटने के साथ-साथ सड़क की स्थिति और यातायात नियंत्रण को बनाए रखने को लेकर हाईकोर्ट की तरफ से पारित पहले के आदेशों के संबंध में राज्य और दूसरे सरकारी अधिकारियों की जानबूझकर अवज्ञा से संबंधित अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान ये बातें कही गईं. इससे पहले राज्य सरकार ने 24 अगस्त को बताया था कि गुजरात मंत्रिमंडल ने मवेशी के खतरे के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया था और नगर निगमों को अस्थायी पशु पाउंड लगाने का निर्देश दिया गया है.
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हाईकोर्ट ने लगाई थी गुजरात सरकार को फटकार
राज्य सरकार ने कहा था कि नगर निगम को खुद के खर्चे पर पशु पाउंड बनाने के निर्देश दिए गए थे और बाद में राज्य सरकार की तरफ से इसका भूगतान करने की बात कही गई थी. आपको बता दें कि इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट ने सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं को लेकर राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई थी. मामले पर कोर्ट ने कहा था कि इस संबंध में पहले भी निर्देश दिए गए थे, लेकिन अभी तक इस मुद्दे का समाधान क्यों नहीं किया गया. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि निर्देश के बावजूद भी अधिकतर सड़कों पर अभी भी मवेशी इधर-उधर घूमते नजर आ रहे हैं. साथ ही सरकार से मामले पर जवाब देने के लिए कहा थी.
आवारा पशुओं से जुड़ी याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देशित किया था कि अहमदाबाद नगर निगम के जिम्मेदार अफसर कोर्ट में मौजूद रहें. याचिका में कहा गया था कि प्रदेश भर में सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशु आम नागरिकों के साथ ही प्रशासन के लिए मुसीबत बने हुए हैं.
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