Gujarat Railway Protection Force: गुजरात में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने मुंबई-गांधीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस की चपेट में आने वाली भैंसों के मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें ट्रेन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था. पश्चिम रेलवे (डब्ल्यूआर) ने एक बयान में कहा कि भैंसों से टकराने के बाद क्षतिग्रस्त हो गई सेमी-हाई स्पीड ट्रेन के ड्राइवर कोच के नोज कोन कवर को मुंबई में ठीक कर दिया गया है.


कितने बजे हुई थी घटना?
नई लॉन्च हुई मुंबई सेंट्रल-गांधीनगर वंदे भारत ट्रेन गुरुवार सुबह करीब 11.15 बजे अहमदाबाद के पास भैंसों के झुंड से टकरा गई थी, जब ट्रेन गांधीनगर जा रही थी. अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में चार भैंसों की मौत हो गई. पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ प्रवक्ता (अहमदाबाद मंडल) जितेंद्र कुमार जयंत ने कहा, "आरपीएफ ने अहमदाबाद में वटवा और मणिनगर रेलवे स्टेशनों के बीच वंदे भारत ट्रेन के रास्ते में आने वाली भैंसों के अज्ञात मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है."


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क्या बोले आरपीएफ निरीक्षक?
वटवा रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ निरीक्षक प्रदीप शर्मा ने कहा कि रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 147 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जो रेलवे के किसी भी हिस्से में अनधिकृत प्रवेश और उसकी संपत्ति के दुरुपयोग से संबंधित है. उन्होंने कहा, "चार भैंसों की मौत की घटना के सिलसिले में गुरुवार शाम को प्राथमिकी दर्ज की गई थी." उन्होंने कहा कि रेलवे पुलिस अभी तक भैंसों के मालिकों की पहचान नहीं कर पाई है और इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.


कहां पर हुई थी ये घटना?
शर्मा ने कहा कि घटना अहमदाबाद शहर के बाहरी इलाके में वटवा रेलवे स्टेशन के पास पुनीतनगर इलाके में हुई थी. डब्ल्यूआर ने एक बयान में कहा कि एफआरपी (फाइबर प्रबलित प्लास्टिक) से बने ट्रेन के क्षतिग्रस्त नाक के कोन कवर को मुंबई में बदल दिया गया है. उन्होंने कहा कि गुरुवार को हुई घटना के बाद, ट्रेन ने गांधीनगर कैपिटल स्टेशन और वापस मुंबई सेंट्रल तक की दूरी बिना नाक कवर पैनल के तय की थी क्योंकि इससे ट्रेन के महत्वपूर्ण हिस्सों को कोई नुकसान नहीं हुआ था. ट्रेन यात्रियों को बिना किसी परेशानी के आज मुंबई से ट्रेन रवाना हुई.


पीएम ने 30 सितंबर को दिखाई थी हरी झंडी
अधिकारी के मुताबिक, पश्चिम रेलवे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है. वंदे भारत श्रृंखला के तहत तीसरी सेवा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित सेमी-हाई स्पीड ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर को गांधीनगर की राजधानी से हरी झंडी दिखाई थी और अगले दिन से इसका वाणिज्यिक संचालन शुरू हो गया था.


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