Gujarat Visit of Yashwant Sinha: राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने शुक्रवार दोपहर गांधीनगर के विधानसभा में आयोजित एक बैठक में गुजरात में कांग्रेस विधायकों से समर्थन मांगा. बाद में मीडिया को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि उनके और एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के बीच की लड़ाई विचारधाराओं की एक बड़ी लड़ाई है. बैठक में प्रदेश अध्यक्ष जगदीश ठाकोर, विपक्ष के नेता सुखराम राठवा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा और नए कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी समेत कांग्रेस के शीर्ष नेता शामिल हुए.


प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बोले यशवंत सिन्हा?
यशवंत सिन्हा ने कहा, “यह राष्ट्रपति चुनाव असाधारण परिस्थितियों में लड़ा जा रहा है. संविधान द्वारा दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को समाप्त किया जा रहा है. आज समाज को सांप्रदायिक आधार पर बांटा जा रहा है और यह हमारा कर्तव्य है कि हम इसकी अनुमति न दें क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो सब कुछ नष्ट हो जाएगा. जो संविधान धर्मनिरपेक्ष है और जिसने सभी को स्वतंत्रता और अवसर दिया है, वह आज खतरे में है. इसे धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है. मीडिया समेत सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं का दमन किया जा रहा है."


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यशवंत सिन्हा ने मुर्मू पर साधा निशाना
सिन्हा ने कहा, मैं इस बात की बिल्कुल भी हिमायत नहीं कर रहा हूं कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच तनातनी होनी चाहिए, लेकिन अगर रबर स्टैंप राष्ट्रपति बन जाता है तो वे भारत के संविधान को नहीं बचा पाएंगे” आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वालीं मुर्मू पर हमला बोलते हुए सिन्हा ने कहा, 'इससे ​​कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं किस धर्म और जाति से आता हूं और वह किस जाति से आती हैं. यह दो विरोधी विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है. वह छह साल तक झारखंड की राज्यपाल रहीं. मैं भी झारखंड से आता हूं. राज्यपाल के पद पर पदोन्नत होने के बाद उनके समुदाय को कोई फायदा नहीं हुआ.


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