Gujarati New Year 2022: गुजराती नव वर्ष, जिसे बेस्तु वरस (Bestu Varas) के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर के कार्तिक महीने की शुरुआत का प्रतीक है. इस साल 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण के कारण लोग आज विक्रम संवत 2079 मना रहे हैं. इस दिन गुजराती लोग मंदिरों में देवी-देवताओं की पूजा करते हैं और नए वस्त्र धारण कर अपने रिश्तेदारों और करीबियों को गले लगकर उन्हें नए साल की शुभकामनाएं देते हैं.
कब है गुजरात नव वर्ष 2022 का शुभ मुहूर्त
बेस्तु वरस यानी गुजरात नव वर्ष इस साल दो तारीखों 26 और 27 अक्टूबर को पड़ रहा है. बुधवार शाम 6.48 बजे से गुजरात नव वर्ष की शुरुआत हो जाएगी और इसका मुहूर्त गुरुवार शाम 5.12 बजे तक चलेगा.
चोपड़ा पूजन का महत्व और इसकी विधि
सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि चोपड़ा आखिर क्या है. गुजराती संस्कृति में नया खाता खोलना और पुराने को बंद करना चोपड़ा कहलाता है. चोपड़ा पूजा में देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है ताकि आने वाला वर्ष और अधिक समृद्ध और फलदायी हो. इसके अलावा चोपड़ा पूजा में देवी सरस्वती की भी पूजा की जाती है. इस दिन लोग अपनी बहीखातों पर शुभ और लाभ लिखते हैं ताकि उनका हर कार्य शुभ होता रहे और उन्हें हर काम में लाभ होता रहे. खाते की किताब पर एक स्वास्तिक भी बनाया जाता है. व्यापारियों के लिए यह दिन विशेष रूप से महत्व रखता है क्योंकि यह दिन उनके लिए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के रूप में जाना जाता है और इसलिए वे इस शुभ दिन पर नए खाते खोलते हैं.
व्यापारी पूजा पाठ और शुभ कार्यों के साथ गुजराती नव वर्ष की शुरुआत करते हैं. गुजराती नव वर्ष हर साल गोवर्धन पूजा की तरह दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है. इस दिन गोवर्धन पहाड़ी की पूजा भी होती है, क्योंकि हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण ने उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर में लोगों को भारी बारिश से बचाने के लिए गोवर्धन पहाड़ी की पूजा की थी.
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