Gujarat Lok Sabha Elections: गुजरात उच्च न्यायालय ने मंगलवार (16 अप्रैल) को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और भरूच लोकसभा सीट से प्रत्याशी चैतर वसावा को जमानत की शर्तों में अंतरिम राहत दी है. हाईकोर्ट ने जमानत की शर्त को निलंबित कर दिया है. गुजरात की एक स्थानीय अदालत जमानत देते वक्त यह लगाई थी कि वो 2023 के दंगा मामले में ट्रायल समाप्त होने तक नर्मदा और भरूच जिले की सीमा में प्रवेश नहीं करेंगे.
अहमदाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एमआर मेंगडे ने सुनवाई के दौरान कहा कि चुनाव लड़ना हर भारतीय नागरिक वैधानिक अधिकार है. अदालत ने अब इस मामले की सुनवाई 12 जून के लिए तय की है. यानी तब तक चैतर वसावा जमानत की शर्तों से स्वतंत्र होंगे.
इससे पहले आप नेता चैतर वसावा ने सत्र अदालत के फैसले के खिलाफ अहमदाबाद हाईकोर्ट में एक केस दायर कर जमानत की शर्तों में छूट देने की अपील की थी. दरअसल, नर्मदा जिले के कुछ हिस्से भरूच लोकसभा क्षेत्र में आते हैं. भरूच लोकसभा क्षेत्र से वसावा आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हैं. 7 मई को भरूच में लोकसभा संसदीय क्षेत्र में मतदान होगा.
चुनाव लड़ना वैधानिक अधिकार
चैतर वसावा ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा था कि वह भरूच लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार हैं. सत्र अदालत द्वारा लगाई गई शर्तें के अनुसार वह अपने संसदीय क्षेत्र में सही तरीके से चुनाव प्रचार नहीं कर पा रहे हैं. जबकि देश का नागरिक होने के नाते चुनाव लड़ना उनका वैधानिक अधिकार है. एक पंजीकृत राष्ट्रीय राजनीतिक दल ने उन्हें भरूच निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है, इसलिए जमानत की शर्तों में अंतरिम राहत दी जाए.
वसावा पर हैं ये आरोप
चैतर वसावा पर नवंबर 2023 में भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन पर दंगा, गैरकानूनी सभा, आपराधिक धमकी, एक लोक सेवक को उनके कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना, जबरन वसूली, अश्लील हरकतें और शस्त्र अधिनियमों का उल्लंघन करने का आरोप है.
12 जून सुनवाई की अगली तारीख
अहमदाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 12 जून की तारीख मुकर्रर की है. बता दें कि एचसी ने अपने आदेश में कहा 22 जनवरी को नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा में एक सत्र अदालत ने दंगा मामले में वसावा को इस शर्त पर जमानत दी थी कि लंबित मुकदमे के दौरान, वह नर्मदा और भरूच जिलों की सीमा के बाहर रहेंगे और जरूरत होने पर अदालत में पेश होंगे.