Gujarat: बीजेपी नेता हार्दिक पटेल की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने इस मामले में जारी किया गिरफ्तारी वारंट
Hardik Patel Arrest Warrant: हार्दिक पटेल ने साल 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ एक मीटिंग में राजनैतिक भाषण दिया था, जिसके लिए उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी.
Surendranagar News: गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक हार्दिक पटेल (Hardik Patel) के खिलाफ 2017 के एक मामले में कोर्ट के समक्ष पेश न होने को लेकर गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. हार्दिक पटेल पर एक सरकारी आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. दरअसल पटेल ने 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले सरकारी आदेश का उल्लंघन करते हुए एक राजनैतिक भाषण दिया था. ध्रांगधरा में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डी डी शाह ने अदालत में पेश न होने पर पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया.
11 फरवरी को पुलिस को मिला कोर्ट का आदेश
2 फरवरी को जारी अपने आदेश में कोर्ट ने सुरेद्रनगर जिले के ध्रांगधरा तालुका पुलिस थाने के अधिकारी को पटेल को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया. वहीं एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्हें यह आदेश 11 फरवरी को प्राप्त हुआ है. सरकारी आदेश का उल्लंघन करने पर पटेल और उनके साथी आरोपी कौशिक पटेल के खिलाफ 12 जनवरी 2018 को ध्रांगधरा तालुका पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी.
मजिस्ट्रेट के आदेश का उल्लंघन कर दिया था राजनैतिक भाषण
एफआईआर में कहा गया कि दोनों को विधानसभा चुनाव से पहले 26 नवंबर 2017 में हरीपुर गांव में एक बैठक करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन इस दौरान उन्होंने जो भाषण दिया उसमें कथित तौर पर जिला मजिस्ट्रेट के आदेश का उल्लंघन किया गया. दोनों के खिलाफ गुजरात (बॉम्बे) पुलिस अधिनियम 1951 की धारा 37 (3) और 135 के तहत मामला दर्ज किया गया जो सरकारी आदेशों का उल्लंघन करने की सजा से संबंधित है.
उस समय हार्दिक पटेल पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के प्रमुख थे, साल 2019 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए और साल 2022 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया और वीरमगाम विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधायक बन गए.
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