Gujarat News: अहमदबाद में एक ब्रिज को गिराया जा रहा है. ऐसा दावा किया गया कि जितनी लागत इस ब्रिज को बनाने में आई थी उससे ज्यादा लागत इसे तोड़ने में लग रहा है. अब  इन रिपोर्टों पर गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी (Harsh Sanghvi) ने जवाब दिया है. हर्ष सांघवी ने इस खबर को गलत बताते हुए खबर प्रकाशित करने वालों से अपील की है कि वे पहले तथ्यों की जांच कर लें.


यह अहमदाबाद चौराहा पर मौजूद हाटकेश्वर ब्रिज है जिसे 2017 में इसलिए बनाया था ताकि चौराहे पर भीड़ कम हो सके. इस ब्रिज का निर्माण अजय इंफ्रा नाम की कंपनी ने बनाया. ब्रिज को बनाने में 42 करोड़ रुपये की लागत आई थी. लेकिन पांच साल के भीतर ही यह 2022 में जर्जर हो गया. सरकार की ओऱ से इसे जर्जर घोषित कर दिया गया. ब्रिज बनाने वाली कंपनी ने दावा किया था कि यह 100 साल तक टिकेगी लेकिन यह तो पांच साल भी नहीं चल पाई. 


स्टैबिलिटी रिपोर्ट में हुआ यह खुलासा
2022 में इसकी स्टैबिलिटी को लेकर सवाल उठे तो इसकी स्टैबिलिटी रिपोर्ट बनाई गई जिसमें यह पाया गया कि इस पुल की स्थिति ऐसी हो गई है कि इस पर कोई वाहन नहीं चल सकता, यह आवाजाही के लिए असुरक्षित है जिसके बाद इसे बंद कर दिया गया. यह अहमदबाद नगर निगम के लिए भी शर्मसार करने वाली स्थिति है.


हर्ष सांघवी ने जताई आपत्ति
ब्रिज को बनाने में बेहद खराब गुणवत्ता वाले मटीरियल का इस्तेमाल किया गया है. और पांच साल में ही पूरे ब्रिज से मिट्टी और गिट्टी दोनों ही झड़-झड़कर निकल रहे हैं. हालांकि विभिन्न मीडिया आउटलेट में ऐसी खबर चलाई गई कि ब्रिज को तोड़ने में 52 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे जिस पर गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कड़ी आपत्ति जताई है. 


हर्ष सांघवी ने 'एक्स' पर लिखा, ''एक जिम्मेदार और अग्रणी समाचार चैनल के रूप में, आपको प्रकाशन से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए. तथ्य यह है: पुराने पुल को ध्वस्त करने और नए पुल के निर्माण की संयुक्त लागत 52 करोड़ रुपये है. नए पुल के निर्माण की राशि को पुराने पुल के ठेकेदार से वसूला जाएगा.''


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