GST Fake Billing Exposed: जानिए- गुजरात में 4.5 साल में GST बिलिंग में कितने करोड़ रुपये का फर्जी लेनदेन?
Gujarat News: गुजरात में दिसंबर 2021 तक गुजरात में 32,310 करोड़ रुपये के नकली बिलिंग लेनदेन का पता लगाया गया है. जिसमें 1875 शेल कंपनियां शामिल थीं,
GST Fake Billing Exposed: गुजरात में बड़े फर्जी बिलिंग घोटाले का पर्दाफाश किया गया है. राज्य के वाणिज्य कर विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि राज्य जीएसटी अधिकारियों ने दिसंबर 2021 तक गुजरात में 32,310 करोड़ रुपये के नकली बिलिंग लेनदेन का पता लगाया है. जानकारी के मुताबिक जुलाई 2017 जब से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू हुई, तब से ही गुजरात में फर्जी बिलिंग घोटालों ने सरकारी खजाने को खाली करने का काम किया है.
1875 शेल कंपनियां शामिल, 4,264 करोड़ रुपये की निकासी
फर्जी बिलिंग घोटालों में लगभग 1875 शेल कंपनियां शामिल थीं, जिससे 4,264 करोड़ रुपये की निकासी हुई. बता दें कि राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार फर्जी लेनदेन को रोकने के लिए कई नीतिगत उपाय पेश करती रही हैं लेकिन इसके बाद भी साल दर साल रिपोर्ट किए गए फर्जी लेनदेन मामलों की संख्या में बढ़ोतरी आई है.
सूत्रों के मुताबिक सबसे बड़ी नीतिगत खामी व्यवसायों के स्थान के भौतिक सत्यापन के बिना जीएसटी पंजीकरण करना है. एक सूत्र ने कहा, “भले ही जीएसटी परिषद ने दिसंबर 2020 में जीएसटी पंजीकरण देने के लिए भौतिक सत्यापन अनिवार्य करके इस खामी को दूर कर दिया, लेकिन विभाग में कर्मचारियों की कमी सभी आवेदकों के व्यवसायों के स्थान का भौतिक सत्यापन करने के काम को कठिन बनाती है.
घोटालों का पता लगाने के लिए कड़ी सख्ताई
राज्य के वाणिज्य कर आयुक्त मिलिंद तोरवणे ने इस मामले पर कहा, जीएसटी लागू होने के बाद, कई घोटालेबाजों ने गलत काम करने के लिए नीतिगत खामियों का फायदा उठाया है. जैसे-जैसे घोटाले सामने आए तो घोटालों का पता लगाने के लिए और टीमों को तैनात किया गया. हाल ही में, माल की अंतर-राज्य आवाजाही पर नजर रखने के लिए लगभग 39 मोबाइल दस्तों को चेक पोस्ट और टोल बूथों पर तैनात किया गया है. इन टीमों को बैक ऑफिस से लीड दी जाती है जहां एक कंट्रोल रूम 24x7 चालू रहता है. एसजीएसटी विभाग संवेदनशील वस्तुओं पर भी कड़ी नजर रख रहा है, जिसके लिए कर चोरी संभव है.''
बता दें कि अप्रैल से दिसंबर 2021 तक, राज्य के अधिकारियों द्वारा नकली बिलिंग के लगभग 1,172 मामलों का पता लगाया गया था.. एसजीएसटी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह पिछले तीन वर्षों (2018-19, 2019-20 और 2020-21) की तुलना में मामलों में 67 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाता है.
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