Gujarat News: हमारे लिए विदेश जाकर बसना एक सपने के जैसे होता है. अपने इस सपने को पूरा करने के लिए हर हालत में कर्ज लेना ही पड़ जाता है और साथ ही यह प्रोसेस इतना ही जोखिम भरा होता है लेकिन गुजरात में एक ऐसी जगह है जहां कानूनी और यहां तक कि अस्थायी रूप से विदेश में बसने के लिए योजना बना रहे लोग न केवल 0% ब्याज पर लाखों का क़र्ज़ प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि पैसे वापस करने के लिए भी बाध्य नहीं हैं.
लोगों को 0% ब्याज पर क़र्ज़ देता है ये ट्रस्ट
उत्तर और मध्य गुजरात में डॉलारियो प्रदेश नामक क्षेत्र में ऐसे कई ट्रस्ट हैं जो युवा पुरुषों और महिलाओं को विदेशों में बसने की उनकी इच्छा को आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक रूप से मदद करते हैं. गांधीनगर जिले के कलोल कस्बे के 21 साल के अंकित पटेल अमेरिका जाना चाहते थे, लेकिन उनके पास बैंक से कर्ज लेने के लिए आर्थिक साधन नहीं थे.
लोगों की आर्थिक मदद और सपनों को पूरा करता है ये ट्रस्ट
उन्होंने एक स्थानीय ट्रस्ट से संपर्क किया, जिसने विदेशों में पढ़ने के सपने देखने वाले युवाओं की आर्थिक मदद करने के लिए कम्युनिटी से पैसा जमा किया और एक हफ्ते के अंदर ही पैसे का इंतजाम हो गया.साथ ही अंकित ने अपना सपना भी पूरा कर लिया. एक बार जब वह अमेरिकी राज्य पेन्सिलवेनिया में बस गया तो उसने ट्रस्ट को ली गयी राशि को दोगुना वापस कर दिया.
ट्रस्ट लोगों को विदेश भेजने के लिए पैसा जुटाता है
स्थानीय लोगों के अनुसार, ये ट्रस्ट अनौपचारिक हैं और मुख्य रूप से स्थानीय समुदायों को चलाते हैं. 42 वर्षीय भाविन पटेल, गांधीनगर के कलोल तालुका के डिंगुचा के रहने वाले हैं जो हाल ही में कनाडा से अमेरिका में अवैध रूप से पार करने की कोशिश में गांव के चार लोगों के एक परिवार की मौत के बाद सुर्खियों में आए थे.
उन्होंने कहा कि हर परिवार में कम से कम एक सदस्य अमेरिका, कनाडा या ऑस्ट्रेलिया में बसा है. भाविन ने कहा, "इसका मतलब यह नहीं है कि हर किसी के पास अपने परिवार के सदस्यों को विदेश भेजने के लिए पैसा है. हमें गांव पर भरोसा है जो सिर्फ लोगों को विदेश भेजने के लिए पैसा इकट्ठा करता है.
लोगों के संघर्ष को देखते हुए बनाया गया ट्रस्ट
कादिरून के एक गांव के अरविंद पटेल ऐसा ही एक ट्रस्ट चलाते हैं. उन्होंने पिछले एक साल में कम से कम 15 लोगों को दुसरे देश बसाने में मदद की है. उनके मुताबिक "जब हमने देखा कि वित्तीय बाधाओं के कारण लोगों को विदेश जाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, तो हमने एक अनौपचारिक ट्रस्ट की स्थापना की और समुदाय के सदस्यों को धन का योगदान दिया. इस पैसे का इस्तेमाल युवाओं को विदेश भेजने के लिए किया गया था.
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