Gujarat HC: गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक महिला को ऑस्ट्रेलिया में अपने पति से वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क करने और अपने बेटे को उससे बात करने में सक्षम बनाने का आदेश दिया क्योंकि बच्चे ने अपने पिता को कभी नहीं देखा था. अदालत ने मंगलवार को एक अहम फैसले पर जोर दिया और कहा कि झगड़ा करने वाले जोड़े को बच्चे को अपने पिता से जुड़ने के लिए एक अनुकूल माहौल बनाना चाहिए,


आशंका सच साबित हुई


गुजरात हाईकोर्ट ने आगे कहा अदालत ने आशंका व्यक्त की कि अगर वे एक-दूसरे से बात नहीं करते हैं तो बच्चा उसे पहचान नहीं पाएगा. मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि जब बच्चा अपने पिता को देखे और कहे 'हैलो अंकल'. दुर्भाग्य से, आदेश पारित करने के कुछ घंटों बाद अदालत की आशंका सच हो गई.


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दंपति अपने वकीलों की मौजूदगी में एक वीडियो कॉल पर दिखाई दिए. हालांकि, बच्चे ने यह कहते हुए अपने पिता से बात करने से इनकार कर दिया कि उसकी माँ ही उसकी सब कुछ है क्योंकि वह उसके पिता की भूमिका भी निभा रही है. वकील हैरान रह गए क्योंकि अदालत ने दंपति को पिता और पुत्र को कनेक्ट करने के लिए लगातार तीन दिनों तक वीडियो कॉल करने का आदेश दिया था. हालांकि, बच्चे ने पहले ही दिन इस फैसले को खारिज कर दिया.


क्या है मामला?


मामले के विवरण के अनुसार, पति और पत्नी ऑस्ट्रेलिया में थे, जब उनके रिश्ते में दरार आ गई. महिला 2012 में अपने नौ महीने के बेटे के साथ भारत लौट आई. उसने न्यायिक अलगाव की मांग की और अदालत ने पति से भरण-पोषण के लिए अंतरिम व्यवस्था की, इस संबंध में अवमानना ​​की कार्यवाही उच्च न्यायालय में लंबित है. हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 16 मार्च को रखी है.


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