हेट स्पीच मामले में मुफ्ती सलमान अजहरी को बुधवार (7 फरवरी) को कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी. जूनागढ़ जिला अदालत ने इस्लामिक उपदेशक के साथ-साथ दो अन्य लोगों को भी इस मामले में बेल दी. हेट स्पीच को लेकर इनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एसए पठान ने मुफ्ती अजहरी और दो अन्य लोगों को जमानत दे दी. दो और जिन्हें जमानत दी गई है, वो वहां के स्थानीय निवासी हैं. 31 जनवरी को जूनागढ़ में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया था. आरोप है कि वहां पर इस्लामिक उपदेशक ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था.
मुफ्ती सलमान अज़हरी, मोहम्मद यूसुफ मालेक और अजीम हबीब ओडेदरा को शाम 4 बजे उनकी एक दिन की पुलिस रिमांड समाप्त होने और न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद अदालत में पेश किया गया. उनके वकीलों ने उनकी नियमित जमानत के लिए याचिका दायर की. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत दे दी.
बता दें कि गुजरात में पुलिस ने मंगलवार को मुंबई के मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी के खिलाफ कच्छ जिले के सामाखियारी में एक धार्मिक कार्यक्रम में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एक और एफआईआर दर्ज की थी. अजहरी पर यह दूसरी एफआईआर है. इससे पहले नफरती भाषण मामले में शनिवार को जूनागढ़ में दर्ज एफआईआर में अजहरी को रविवार को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था और गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) का एक दल अहमदाबाद ले आया था.
अहमदाबाद से अजहरी को जूनागढ़ ले जाया गया था. कच्छ (पूर्व) के पुलिस अधीक्षक सागर बाघमार ने कहा था, ‘‘31 जनवरी को सामाखियारी में आयोजित एक धार्मिक समारोह में भड़काऊ भाषण देने के लिए मुफ्ती सलमान अजहरी के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई है. कार्यक्रम के लिए पुलिस की अनुमति दी गई थी, लेकिन भाषण की सामग्री जूनागढ़ कार्यक्रम के समान थी जिसका (आयोजन) उसी दिन किया गया था.’
गुजरात पुलिस ने 31 जनवरी की रात जूनागढ़ में 'बी' डिवीजन पुलिस थाने के पास एक खुले मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में कथित तौर पर नफरती भाषण देने के आरोप में मौलाना अजहरी को मुंबई से गिरफ्तार किया था. अजहरी का सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की. वीडियो वायरल होने के बाद, अजहरी और कार्यक्रम के स्थानीय आयोजकों मोहम्मद यूसुफ मलिक और अजीम हबीब ओडेदरा के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई. मलिक और हबीब को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था, जबकि अजहरी को अगले दिन गिरफ्तार किया गया.
जूनागढ़ एफआईआर के अनुसार, गिरफ्तार व्यक्तियों ने सभा के लिए पुलिस से यह कहते हुए अनुमति ली थी कि अजहरी धर्म के बारे में बात करेंगे और नशामुक्ति पर जागरूकता फैलाएंगे. पुलिस दस्तावेज में कहा गया है कि इसके बजाय, अजहरी ने एक भड़काऊ भाषण दिया.