गुजरात कैडर के IAS श्रीनिवास रामास्वामी को केंद्रीय मंत्रालय में मिली अहम जिम्मेदारी, जानें कैसा रहा है प्रशासनिक करियर
IAS Srinivas Ramaswamy Katikithala: श्रीनिवास रामास्वामी कातिकिथाला को केंद्र सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. उन्हें आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय से जोड़ा गया है.
Gujarat News: केंद्रीय स्तर पर कई सचिवों के विभागों में फेरबदल किया गया है. इनमें से गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी श्रीनिवास रामास्वामी कातिकिताला (Srinivas Ramaswamy Katikithala) को भी नई जिम्मेदारी दी गई है. उन्हें आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में सचिव बनाया गया है. आईएएस श्रीनिवास गुजरात में भी अहम पदों पर रह चुके हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी के गुजरात का सीएम रहते हुए श्रीनिवास गुजरात अर्बन डेवलमेंट कंपनी लिमिटेड के एमडी रहे हैं. यह कंपनी गुजरात सरकार की अडरटेकिंग है. यह शहरी गुजरात में आधारभूत संरचनाओं का निर्माण करती है. श्रीनिवास 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वह फिलहाल अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के सचिव हैं. उन्हें 2023 में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में यह जिम्मेदारी दी गई थी.
केंद्र में इस मंत्रालय से जुड़े रहे हैं
वह इसके पहले जून 2020 से अगस्त 2021 के बीच केंद्र सरकार में इस्टैबलिशमेंट ऑफिसर की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. इसके अतिरिक्त 2018 से 2020 के बीच वह अतिरिक्त सचिव रहे हैं. बताया जाता है कि श्रीनिवास का केंद्र सरकार की कई पहलों में योगदान दिया है. उन्हें मई 2017 से अगस्त 2018 के बीच में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में ज्वाइंट सेक्रेटरी बनाया गया था. वह केंद्र सरकार में योजना निर्माण के कार्य़ से जुड़े रहे हैं.
गुजरात में इन पदों पर दे चुके हैं सेवा
अब गुजरात में दी गई सेवा के बारे में बात करें तो श्रीनिवास 2015 से 2017 के बीच गुजरात के राजस्व विभाग में प्रधान सचिव के रूप में काम कर चुके हैं. इसके अतिरिक्त उन्होंने नवंबर 2008 से 2017 के बीच सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट के सदस्य सचिव की जिम्मेदारी निभाई है. वह स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के प्रोजेक्ट से जुड़े रहे हैं.
वह जुलाई 2012 से जून 2015 तक गुजरात के सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव रहे हैं. वह अक्टूबर 2004 से नवंबर 2009 के बीच में गुजरात अर्बन डेवलमेंट कंपनी के एमडी थे.
ये भी पढे़ं- Gujarat: गुजरात में कोलकाता रेप केस के खिलाफ मार्च में पिस्टल लहराना पड़ा महंगा, डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज