Lok Sabha Elections 2024: गुजरात BJP में नहीं थम रहा विरोध का स्वर, इन सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर मतभेद
Gujarat Lok Sabha Chunav 2024: अमरेली, राजकोट, साबरकांठा और वडोदरा जैसी सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर बीजेपी में मतभेद है. ऐसे में BJP असंतुष्ट सदस्यों के साथ बैठक कर हल करने का प्रयास में है.
Gujarat Lok Sabha Elections 2024: गुजरात में कुछ लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच मतभेद सामने आए हैं. पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता राज्य पर पकड़ बनाए रखने के लिए उनकी चिंताओं का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं. कांग्रेस ने दावा किया कि अंदरुनी मतभेदों से बीजेपी के आगामी लोकसभा चुनाव में तीसरी बार राज्य में सभी 26 सीटें जीतने की कोशिश नाकाम हो सकती है.
अमरेली, राजकोट, साबरकांठा, सुरेंद्रनगर और वडोदरा जैसी सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर मतभेद सामने आने पर बीजेपी असंतुष्ट सदस्यों के साथ बैठकें कर उन्हें हल करने का हरसंभव प्रयास कर रही है. शनिवार को क्षत्रिय समुदाय के नेता राज शेखावत ने केंद्रीय मंत्री और राजकोट लोकसभा सीट के उम्मीदवार परषोत्तम रूपाला की पूर्व में की गयी टिप्पणी के विरोध में बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था. परषोत्तम रूपाला ने दावा किया था कि कई राजपूत शासकों ने अंग्रेजों के साथ सहयोग किया था.
वहीं टिकट वितरण में बीजेपी पर अपने समुदाय की उपेक्षा का आरोप लगाते हुये राज शेखावत ने कहा था कि पार्टी नेतृत्व ने उनके (रूपाला के) खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. इसलिए मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं. क्षत्रिय समुदाय के सदस्यों ने राजकोट में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में की गई रूपाला की टिप्पणियों को लेकर राज्य के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी किए. फिलहाल रूपाला ने इन टिप्पणियों के लिए माफी मांगी है.
करणी सेना का आंदोलन तेज
करणी सेना ने गुजरात में अपना आंदोलन तेज करने की धमकी देते हुए कहा कि बीजेपी रूपाला की उम्मीदवारी वापस ले या हार का सामना करने के लिए तैयार रहे. बीजेपी के क्षत्रिय समुदाय के सदस्यों को शांत करने की कोशिशों के बीच पार्टी के दो समूहों में अमरेली लोकसभा सीट से प्रत्याशी के तौर पर भरत सुतारिया के चयन को लेकर शनिवार रात को झड़प हो गई. वहीं निवर्तमान सांसद नारन कछाड़िया के समर्थक अमरेली से सुतारिया को प्रत्याशी बनाने के पार्टी के फैसले से नाखुश दिखायी दिए.
राज्य के पूर्व मंत्री भूपेंद्र चूडासमा सुतारिया की उम्मीदवारी को लेकर मतभेदों को हल करने के लिए शनिवार रात को ही अमरेली पहुंचे, लेकिन बाद में पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गयी थी. चूडासमा ने कहा कि अमरेली से सुतारिया ही बीजेपी उम्मीदवार रहेंगे. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि 'कोई असंतोष नहीं है. सुतारिया ही बीजेपी के प्रत्याशी रहेंगे.'
सांसद रंजन भट्ट के खिलाफ विरोध
वडोदरा में दो बार की मौजूदा सांसद रंजन भट्ट के खिलाफ आंतरिक विरोध के कारण उन्हें अपनी उम्मीदवारी वापस लेनी पड़ी. इसके बाद बीजेपी ने वडोदरा से हिमांग जोशी को अपना उम्मीदवार घोषित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में वडोदरा से संसदीय चुनाव जीता था, लेकिन बाद में वाराणसी से चुनाव लड़ने के कारण उन्होंने यह सीट छोड़ दी थी.
साबरकांठा लोकसभा सीट से भीकाजी ठाकोर के चुनाव लड़ने से इनकार के बाद कांग्रेस के एक पूर्व विधायक की पत्नी को सीट से मैदान में उतारने के फैसले का विरोध हुआ. 26 मार्च को बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता और स्थानीय नेता ठाकोर के समर्थक गुजरात के अरवल्ली जिले के मोडासा शहर में पार्टी कार्यालय के बाहर एकत्र हो गए थे. उन्हें मनाने के लिए पार्टी आलाकमान ने कई दौर की बैठकें की थीं.
जितेंद्रसिंह झाला ने लिखा पत्र
बीजेपी के हिम्मतनगर तालुक पंचायत सदस्य जितेंद्रसिंह झाला ने शोभना बारैया की उम्मीदवारी का विरोध करते हुए एक खुला पत्र लिखा है. जितेंद्रसिंह झाला ने दावा किया कि 'मैंने यह कहा है कि पार्टी को ऐसी महिला को टिकट नहीं देना चाहिए, जो उसकी महिला इकाई की सदस्य नहीं हैं. वह (शोभना) पार्टी से जुड़ी हुई नहीं हैं. उनके पति बीजेपी में शामिल हुए हैं, लेकिन वह पार्टी की सदस्य नहीं हैं.'
बहरहाल, शोभना बारैया ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि 'मुझे जनता का समर्थन और भरोसा मिल रहा है. मेरे पति 5,000 कार्यकर्ताओं के साथ बीजेपी में शामिल हुए और मैं भी (प्रधानमंत्री) मोदी की विचारधारा से जुड़ी हूं और यही वजह है कि पीएम मोदी ने मुझे अपना आशीर्वाद दिया है.'
सुरेंद्रनगर सीट पर विरोध
सुरेंद्रनगर सीट पर भी कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने चंदू शिहोरा की उम्मीदवारी का विरोध किया, जिन्हें निवर्तमान सांसद महेंद्र मुंजपारा के स्थान पर टिकट दिया गया है. चुनवलिया कोली उप-जाति से आने वाले शिहोरा तलपाड़ा कोली समुदाय के सदस्यों से पार्टी के भीतर विरोध का सामना कर रहे हैं. कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए पूर्व सांसद सोमा पटेल ने कहा कि 'उन्हें अपनी उम्मीदवारी वापस लेनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता तो हम बीजेपी के खिलाफ वोट करेंगे.'
कांग्रेस ने क्या कहा?
गुजरात कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने दावा किया कि उम्मीदवारों के चयन को लेकर बीजेपी में मतभेद पार्टी के दूसरे दलों से नेताओं को लाने और उन्हें उच्च पद देने के लिए अपने समर्पित कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किए जाने का परिणाम है. उन्होंने कहा कि 'कुछ सीटों पर असंतोष स्पष्ट हो गया है, लेकिन कई अन्य सीटों पर यह अभी दिख रहा है. इससे राज्य में सभी 26 सीटों पर जीत दोहराने के बीजेपी के प्रयासों पर असर पड़ेगा.' गुजरात में सभी 26 लोकसभा सीटों पर चुनाव के पहले एक चरण में सात मई को मतदान होगा.