देश के कई राज्यों में लंपी वायरस (lumpy Skin Disease) पशुओं पर कहर बनकर टूट रहा है. लंपी से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और अंडमान निकोबार जैसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं.देश में 11 लाख से अधिक पशु इससे संक्रमित हुए हैं. इसका संक्रमण देश के 12 राज्यों के 165 जिलों में फैला हुआ है. इससे अबतक 50 हजार से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है.जिस तेजी से यह फैल रहा है, उसे देखते हुए इसे महामारी घोषित करने की मांग की जा रही है.देश में इस वायरस ने इस साल अप्रैल से पांव पसारना शुरू किया था. इससे पहले यह 2019 में ओडिशा और पश्चिम बंगाल में पहली बार इसका संक्रमण सामने आया था.


 राजस्थान में सबसे अधिक मौतें


लंपी स्कीन डिजीज (एलएसडी) यह वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है. हालत यह है कि राजस्थान के बीकानेर में ही हर दिन 300 गायों की मौत इस वायरस के संक्रमण की वजह से हो रही है. माना जा रहा है कि अकेले राजस्थान में ही अब तक इस वायरस ने हजारों पशुओं की जान ले ली है.  आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में इस संक्रमण से अब तक 45 हजार से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है.इससे करीब साढ़े 10 लाख पशु संक्रमित हुए हैं. 


हिमाचल प्रदेश में लंपी वायरस ने अभी तक 50 हजार से अधिक पशुओं को संक्रमित किया है. इसने राज्य में करीब दो हजार पशुओं की जान ली है. हिमाचल में लंपी ने अगस्त में दस्तक दी थी. हिमाचल में 18 हजार से अधिक पशु इस संक्रमण से मुक्त भी हुए हैं. इसके संक्रमण के सबसे अधिक मामले कांगड़ा, ऊना और सिरमौर जिले में सामने आए हैं.


उत्तर प्रदेश में कहां तक फैला है संक्रमण


यह बिमारी उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में भी तेजी से पैर पसार रही है. उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग के मुताबिक प्रदेश के दो हजार 331 गांवों में 21 हजार से अधिक पशु संक्रमित हो चुके हैं.इस संक्रमण ने अब तक इन गांवों में दो सौ से अधिक पशुओं की जान ली है. प्रदेश के 21 जिलों में लंपी का संक्रमण मिला है. सबसे अधिक मामले अलीगढ़. मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में सामने आए हैं.इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने पशु बाजारों पर पाबंदी लगा दी है.


उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी लंपी के संक्रमण के मामले सामने आए हैं. इस पहाड़ी राज्य के मैदानी इलाकों से ही इसके मामले सामने आए हैं. इसमें हरिद्वार जिला सबसे आगे है. गुजरात में भी लंपी का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. राज्य के 20 से अधिक जिले इससे प्रभावित हैं. सबसे अधिक मामले कच्छ जिले में सामने आए हैं. 


हरियाणा में स्थिति नियंत्रण में


पशुपालन और खेतीबाड़ी के लिए मशहूर हरियाणा में अब लंपी वायरस के संक्रमण में कमी देखी जा रही है. राज्य में प्रतिदिन करीब एक हजार मामले सामने आ रहे हैं. कुछ दिन पहले तक इन मामलों की संख्या दो हजार प्रतिदिन थी.राज्य में अबतक 15 लाख से अधिक पशुओं को टीके लगाए गए हैं. राज्य में इस वायरस ने करीब तीन सौ पशुओं की जान ली है.


स्वदेशी टीके से हो रहा है बचाव


लंपी वायरस केवल गाय और भैंस को ही संक्रमित करता है. इस संक्रमण को ठीक किया जा सकता है.इससे लड़ने के लिए केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछले महीने एक स्वदेशी वैक्सीन लंपी प्रोवैक की शुरुआत की थी. इसे हरियाणा के हिसार में स्थित राष्ट्रीय घोड़ा अनुसंधान केंद्र और उत्तर प्रदेश के बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के सहयोग से बनाया गया है. 


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