Tiger in Mahisagar: गुजरात वन विभाग ने महिसागर जिले के खानपुर वन क्षेत्र में एक बाघ देखे जाने के दावे के बाद तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. पंडारवाड़ा गांव के निवासियों ने कुछ दिन पहले स्थानीय पत्रकारों को बताया था कि उन्होंने एक बाघ देखा है. कुछ लोगों ने यह दावा भी किया कि वह बकरियों जैसे छोटे जानवरों का शिकार कर रहा है. उप वन संरक्षक एन. वी. चौधरी ने यहां कहा, ‘‘हमने दावों की पड़ताल शुरू कर दी है.’’


दावों के पड़ताल में जुटी पुलिस
उन्होंने कहा, ‘‘जंगल में पैदल गश्त का आदेश देने के अलावा, हमने चार स्थानों पर रात में भी काम करने वाले कैमरे लगाए हैं. हमारी टीम पेड़ों पर पैरों व खरोंचों के निशान और मल जैसे महत्वपूर्ण सुराग खोज रही हैं, जो बाघ अपने क्षेत्र की पहचान बनाने के लिए छोड़ते हैं. चौधरी ने हालांकि यह भी कहा कि प्रारंभिक जांच में अधिकारियों को इस दावों पर संदेह हुआ है. उन्होंने कहा,‘‘किसी भी ग्रामीण ने भी अब तक बाघ नहीं देखा है. बाघ द्वारा उनकी बकरियों के शिकार की कहानियां भी सच नहीं हैं. मुझे लगता है कि वे एक तेंदुए या धारीदार लकड़बग्घे को बाघ समझ रहे हैं. लेकिन हमारी जांच अभी जारी है और हम आसपास के गांवों के सीसीटीवी फुटेज भी देखेंगे.’’


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2019 में बाघ देखे जाने की हुई थी पुष्टि
उल्लेखनीय है कि फरवरी 2019 में भी महिसागर की लुनावड़ा तहसील में एक बाघ की मौजूदगी की पुष्टि हुई थी. इससे पहले, गुजरात में आखिरी बार 1989 में एक बाघ देखा गया था. उसके अवशेष दो सप्ताह बाद उसी वन क्षेत्र में पाए गए थे.


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