Narendra Modi 3.0 Cabinet: गुजरात के पोरबंदर से बीजेपी सांसद मनसुख मंडाविया एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट में शामिल हो गए हैं. उन्होंने रविवार (9 जून) को आयोजित एक समारोह में केंद्रीय मंत्री पद की शपथ ली. बीजेपी नेता मंडाविया के लिए चुनौतियां कोई बाधा नहीं होतीं और उन्होंने कोरोना के वक्त ये साबित कर दिखाया था. 2021 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रहने के दौरान सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक का सामना करना पड़ा, जब देश कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा था.
गुजरात के 51 वर्षीय नेता ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया और देश में दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के कार्यान्वयन की देखरेख की. उनके स्वास्थ्य मंत्री रहने के दौरान देश की जनता को कोविड-19 रोधी टीके की 220 करोड़ से अधिक खुराकें दी गईं. दो बार के राज्यसभा सदस्य मंडाविया को बीजेपी ने इस बार गुजरात की पोरबंदर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा और उन्होंने अपने पहले ही आम चुनाव में 3.83 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की.
कोविड-19 संकट में मंडाविया की रही बड़ी भूमिका
बीजेपी नेता इससे पहले 2012 और 2018 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे. मंडाविया भावनगर यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर हैं. उन्होंने पशु चिकित्सा विज्ञान (Veterinary) का भी अध्ययन किया है और गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट एंड रिसर्च, अहमदाबाद से पीएचडी की उपाधि ग्रहण की है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मांडविया को 2021 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री तब बनाया गया जब देश अभी कोविड-19 संकट से जूझ रहा था. उन्होंने हर्षवर्धन की जगह ली, जिन्हें मंत्रिमंडल में फेरबदल के तहत मंत्रिपरिषद से हटा दिया गया था.
कई अहम पदों पर रहे हैं मनसुख मंडाविया
मंडाविया को इसी तरह के फेरबदल के परिणामस्वरूप डी.वी. सदानंद गौड़ा के स्थान पर रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय का प्रभार भी दिया गया. कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान मांडविया के मंत्रालयों को ऑक्सीजन और दवाओं की आपूर्ति बढ़ाने और टीकाकरण कार्यक्रम की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया था. गुजरात के भावनगर जिले के पालीताणा तालुका के हनोल नामक छोटे से गांव में एक किसान परिवार में जन्मे मांडविया अपनी युवावस्था के दिनों से ही राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की.
मांडविया को प्रशासन का पहला जिम्मा तब मिला जब तत्कालीन राज्य के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें 2010 में ‘गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ का अध्यक्ष नियुक्त किया. उन्हें पहली बार पांच जुलाई, 2016 को सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी, रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. 30 मई, 2019 को, उन्होंने फिर से बंदरगाह,जहाजरानी और जलमार्ग के स्वतंत्र प्रभार के साथ रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली.
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