Mehsana Pilot Project: मेहसाणा जिले में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. दूर-दराज के इलाकों में ऊंची इमारतों से लेकर पानी के गड्ढों और छोटे तालाबों तक ऑटोमैटिक स्प्रे ड्रोन का इस्तेमाल कर मच्छरों के लार्वा को खत्म किया जायेगा. स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने मेहसाणा में मच्छरों के लार्वा के खात्मे के लिए ड्रोन की सहायता से जैविक लार्विसाइड (बीटीआई) छिड़काव का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. ड्रोन की मदद से जमे हुए पानी में दवाओं का छिड़काव किया जाएगा. इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि मच्छरों के लार्वा को खत्म करने के लिए मेहसाणा जिले से ड्रोन की मदद से जैविक लार्विसाइड (बीटीआई) छिड़काव का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है.


स्वास्थ्य सेवा में आएगा परिवर्तन
स्वास्थ्य मंत्री ने विश्वास जताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एआई) के सुचारू एकीकरण से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन आयेगा. इस ड्रोन की मदद से बाढ़ के पानी, बड़े तालाबों और पोखरों जैसे क्षेत्रों में हैवी ड्यूटी ऑटोमैटिक स्प्रे ड्रोन का उपयोग करके लार्विसाइड का छिड़काव किया जाएगा. मच्छर आमतौर पर पानी से भरे क्षेत्रों में अपने अंडे देते हैं.


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रिमोट इलाके में लार्वा को खत्म करने में मिलेगी मदद
इस तकनीक के माध्यम से लार्वा को मच्छरों में बदलने से पहले उन पर लार्विसाइड का छिड़काव करके नियंत्रित किया जायेगा. दावा किया जा रहा है कि यह आधुनिक ड्रोन तकनीक स्वास्थ्य विभाग को मच्छर जनित बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद करेगी. यानी वे इलाके जहां ग्राउंड सर्विलांस टीम का पहुंचना मुश्किल है. ऐसे क्षेत्रों में ड्रोन की मदद से छिड़काव किया जाएगा.


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