IELTS Exam News: गुजरात के मेहसाणा जिले की पुलिस ने एक महीने की जांच के बाद एक कथित रैकेट का खुलासा किया है, जिसमें अपात्र छात्रों को एक अंतरराष्ट्रीय अंग्रेजी दक्षता परीक्षा में उच्च अंक हासिल करने में मदद मिली थी. यह जानकारी एक अधिकारी ने सोमवार को दी. अधिकारी के अनुसार ऐसा इसलिए किया गया ताकि वे छात्र, छात्र वीजा पर कनाडा की यात्रा कर सकें और फिर अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर सकें. मेहसाणा पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय अंग्रेजी भाषा परीक्षा प्रणाली (आईईएलटीएस) से जुड़े कथित रैकेट के सिलसिले में 45 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और सूरत के एक छात्र समेत तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है.


इनके खिलाफ मामला दर्ज
आईईएलटीएस उन व्यक्तियों के लिए अंग्रेजी भाषा प्रवीणता की एक अंतरराष्ट्रीय मानकीकृत परीक्षा है जो गैर अंग्रेजी भाषी देशों के रहने वाले होते हैं. कई देशों के प्रतिष्ठित कॉलेजों में प्रवेश के लिए इस परीक्षा में अच्छे नंबर आवश्यक होता है. उन्होंने बताया कि जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें एक कोचिंग क्लास का मालिक, एक निजी परीक्षा प्रबंधन और शैक्षिक सेवा कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी और करीब 24 छात्र शामिल हैं.


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कथित रैकेट का खुलासा गुजरात के छह युवाओं की मार्च में अमेरिकी सीमा अधिकारियों द्वारा पकड़े जाने के बाद हुआ. ये छात्र कनाडा से अमेरिका में प्रवेश करने के असफल प्रयास के दौरान पकड़े गए थे. वे अदालत की सुनवाई के दौरान अमेरिकी न्यायाधीश द्वारा पूछे गए सवालों का अंग्रेजी में जवाब देने में विफल रहे थे. इनमें से चार मेहसाणा जिले के विभिन्न हिस्सों से थे जबकि दो गांधीनगर और पाटन के थे.


इंस्पेक्टर भावेश राठौड़ क्या बोले?
मामले की जांच कर रहे मेहसाणा पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के इंस्पेक्टर भावेश राठौड़ ने कहा कि मेहसाणा जिले के चार छात्रों की पहचान ध्रुव पटेल, नील पटेल, उर्विश पटेल और सावन पटेल के रूप में हुई है. उन्होंने कहा कि रैकेट के कथित मुख्य षड्यंत्रकर्ता अमित चौधरी ने 21 छात्रों से 10 लाख से 20 लाख रुपये लिये थे और अहमदाबाद की परीक्षा एजेंसी प्लेनेट ईडीयू के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से आईईएलटीएस परीक्षा में 6 से 7 बैंड स्कोर करने में उनकी मदद की गई थी.


45 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
उन्होंने रविवार को अपनी महीने भर की जांच पूरी करने के बाद मेहसाणा 'बी' डिवीजन थाने में चौधरी सहित 45 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406, 465 और 120-बी के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई. उन्होंने बताया कि इसमें नामित अन्य प्रमुख व्यक्तियों में कोचिंग क्लास का मालिक गोकुल मेनन, प्लैनेट ईडीयू के मुख्य कार्यकारी संजीव सहगल, परीक्षा प्रबंधक राजेश तहिलियानी, मेनन का साथी फर्नांडीस सावंत, कुछ परीक्षा पर्यवेक्षकों और उच्च आईईएलटीएस स्कोर प्राप्त करने के लिए चौधरी को पैसे देने वाले 21 छात्र शामिल हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले ही गोकुल मेनन, उसके साथी फर्नांडीस सावंत और सूरत के एक छात्र संदीप पटेल को गिरफ्तार कर चुके हैं. चौधरी और अन्य ने अपात्र छात्रों में से प्रत्येक से आईईएलटीएस में उच्च स्कोर प्राप्त करने में मदद के लिए 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक लिये थे.’’


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