'मोदी सरनेम' मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा हुई है. गुरुवार (23 मार्च) को कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है. हालांकि सूरत की एक अदालत ने उन्हें जमानत भी दे दी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता फैसले को चुनौती दे सकें. राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी विधायक पुर्णेश मोदी ने शिकायत की थी. कोर्ट के फैसले पर पुर्णेश मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है. पुर्णेश मोदी सूरत वेस्ट से बीजेपी के विधायक हैं. गुजरात की बीजेपी की सरकार में वे मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा वो सूरत महानगर बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 


पुर्णेश मोदी ने कहा, "मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं." बता दें कि कोर्ट के फैसले के दौरान राहुल गांधी अदालत में मौजूद थे. उन्होंने बाद में इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए महात्मा गांधी की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा कि उनके लिए सत्य ही भगवान है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के वकील बाबू मंगुकिया ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच. एच. वर्मा की अदालत ने राहुल गांधी को सजा सुनाने के बाद उन्हें जमानत भी दे दी और उनकी सजा पर 30 दिन की रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता उसके फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें.



अदालत ने कांग्रेस नेता को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया. ये धाराएं मानहानि और उससे संबंधित सजा से जुड़ी हैं. जनप्रतिनिधि कानून के अनुसार, दो साल या उससे अधिक समय के लिए कारावास की सजा पाने वाले व्यक्ति को ‘दोषसिद्धि की तारीख से’ अयोग्य घोषित किया जाएगा और वह सजा पूरी होने के बाद जनप्रतिनिधि बनने के लिए छह साल तक अयोग्य रहेगा.


कांग्रेस ने कहा कि पार्टी कानून के तहत लड़ाई लड़ेगी और अदालत के इस फैसले को गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती देगी. गांधी ने फैसले के तुरंत बाद ट्वीट किया, ‘‘मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है. सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन-- महात्मा गांधी.’’


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