Morbi Bridge Collapse: मोरबी में पुल दुर्घटना में 140 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. घायलों ने दावा किया कि पुल पर एक साथ 500 से 600 लोग सवार थे. जानकारी के मुताबिक मोरबी के सस्पेंशन ब्रिज पर जाने के लिए 650 से ज्यादा लोगों को टिकट दिया गया. बच्चों के लिए 12 रुपये और वयस्कों के लिए 17 रुपये का टिकट लिया जा रहा था.


नहीं मिला था फिटनेस सर्टिफिकेट
फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं मिलने के बावजूद ब्रिज को आम लोगों के लिए खोल दिया गया. ओरेवा नाम की कंपनी के मालिक अंडरग्राउंड हो गए हैं. सस्पेंशन ब्रिज के नवीनीकरण कार्य के साथ 15 साल के लिए इस ब्रिज को ओरेवा कंपनी को सौंप दिया गया था. ओरेवा कंपनी ने दावा किया कि रेनोवेशन बहुत सावधानी से किया गया था. हादसे के 14 घंटे बाद भी ओरेवा कंपनी के मालिक पकड़े नहीं गए हैं. पुल की क्षमता से अधिक लोगों को टिकट बेचकर पुल पर जाने दिया जा रहा था. इस मामले में ओरेवा कंपनी ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.


बनी पांच सदस्यीय कमेटी 
वहीं इस घटना में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है. मोरबी बी डिवीजन पुलिस ने गैर इरादतन हत्या के तहत मामला दर्ज किया है. धारा 304,308,114 के तहत अपराध दर्ज किया गया था. जूल ब्रिज प्रबंधन के प्रबंधक, रखरखाव टीम के प्रबंधक के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी. शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि पुल का उचित रखरखाव ठीक से नहीं किया गया था. मामले की जांच के लिए गुजरात सरकार ने पांच सदस्यीय कमेटी भी बनाई थी. रेंज आईजी की अध्यक्षता में अपराध की जांच की जाएगी. मुख्यमंत्री को जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी. 108 सेवा के कार्यक्रम प्रबंधक नीलेश भरपोड़ा ने बताया कि 108 सेवा से 130 से अधिक प्रभावित मरीजों को शिफ्ट किया गया है.


गौरतलब है कि गुजरात के मोरबी में रविवार (30 अक्टूबर) की शाम को ये हादसा हुआ था जब माच्छू नदी पर स्थित झूलता पुल गिर गया था. इस हादसे में 140 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. जबकि कई लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. आरोप है कि पुल की संचालक कंपनी ने समय से पहले ही पुल को खोल दिया था. 


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