Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी ब्रिज हादसे में कोर्ट में सरेंडर करने वाले ओरेवा ग्रुप के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल को 7 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. जयसुख पटेल ने मंगलवार को ही कोर्ट में सरेंडर किया था. इस हादसे में 135 लोगों की जान चली गई थी. जयसुख पटेल ओरेवा कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, जिसने इस पुल की मरम्मत की थी. इस हादसे में 135 लोगों की जान चली गई थी.
मोरबी हादसे में बीते 30 अक्टूबर की शाम को मच्छू नदी पर बना झूला पुल अचानक ढह गया था, जिसमें 135 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग इस हादसे में घायल भी हो गए थे. मोरबी पुल हादसे के मामले में पुलिस ने चार्जशीट फाइल कर दी है. ये आरोपपत्र 1252 पन्नों का है, जिसमें ओरेवा ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर जयसुख पटेल को भगोड़ा बताया गया था.
ओरेवा कंपनी से अगले 15 साल यानी 2037 तक के लिए पुल की मरम्मत, रखरखाव और ऑपरेशन का समझौता किया गया था. करार की शर्तों के अनुसार 8 से 12 महीने में पुल की मजबूती के अनुसार रिनोवेट करके जनता के लिए खोला जाना था, लेकिन 6 महीने के अंदर बिना किसी तकनीकी मदद के पुल के रिनोवेशन का ठेका दे दिया गया. हादसे के दौरान 400 से ज्यादा लोगों को पुल पर जाने दिया गया था.
कब गिरा था पुल?
मोरबी में मच्छू नदी पर बना ब्रिटिश काल का झूलता हुआ पुल 30 अक्टूबर, 2022 को गिर गया था. इस मामले में राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह मोरबी हादसे में कारण-बताओ नोटिस जारी किया था और पूछा था कि जिम्मेदारी निभा नहीं पाने के कारण नगर पालिका को भंग क्यों नहीं किया जाना चाहिए.
राज्य के शहरी विकास विभाग ने नोटिस में नगर पालिका को 25 जनवरी तक लिखित स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया. मोरबी नगर पालिका के साथ हुए समझौते के अनुसार पुल का संचालन और देखरेख ओरेवा समूह कर रहा था.
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