Gujarat Bridge Collapse: गुजरात सरकार ने मोरबी नगरपालिका को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिये कहा है. गुजरात सरकार ने पूछा कि शहर में एक झूलता पुल के टूटने से पहले अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहने के कारण उसे क्यों न भंग कर दिया जाए. पिछले साल मोरबी में पुल के टूटने से 135 लोगों की मौत हो गई थी. नगर विकास विभाग ने नगरपालिका प्रमुख को लिखे पत्र में कहा गया है कि वह 16 फरवरी तक आमसभा द्वारा विधिवत स्वीकृत लिखित जवाब प्रस्तुत करें. गुजरात सरकार ने मोरबी नगरपालिका को 18 जनवरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
सरकार ने नये सिरे से मांगा जवाब
सरकार ने नगरपालिका के वकील द्वारा भेजे गए 7 फरवरी के जवाब को स्वीकार नहीं किया और नए सिरे से जवाब मांगा. ताकि वह इस पर विचार कर सके कि क्या नगर निकाय को सुनवाई का अवसर दिया जाना चाहिए. निकाय सूत्रों ने बताया कि सरकार की नयी समय सीमा को देखते हुए नगरपालिका ने बुधवार को तत्काल आम सभा की बैठक बुलाई है.
मोरबी नगरपालिका के साथ हस्ताक्षरित एक समझौते के तहत ओरेवा समूह द्वारा पुल का रखरखाव और संचालन किया जा रहा था. सरकार ने 18 जनवरी के अपने कारण बताओ नोटिस में पूछा कि नगर निकाय ने 2018 और 2020 के बीच ओरेवा समूह द्वारा पुल की जर्जर स्थिति और गंभीर दुर्घटना के संभावना के बारे में उठाए गए मुद्दों पर ध्यान क्यों नहीं दिया.
इसके अलावा, पुल की स्थिति जानने के बावजूद नगरपालिका ने 2017 में पिछले अनुबंध के पूरा होने के बाद कंपनी से पुल के संचालन का जिम्मा लेने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. नगर निकाय ने सरकार से पुल टूटने की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों को वापस करने का आग्रह किया था, ताकि वह जवाब प्रस्तुत कर सके. राज्य सरकार ने 13 दिसंबर को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान गुजरात हाईकोर्ट को बताया था कि उसने नगरपालिका को भंग करने का फैसला किया है.
ये भी पढ़ें: Gujarat News: झोलाछाप डॉक्टर ने दो माह की बच्ची को लोहे की गर्म छड़ से दागा, खांसी का इलाज कराने लेकर आई थी मां