Morbi Bridge Tragedy: मोरबी हादसे का आरोपी जयसुख पटेल हुआ मानसिक रोग का शिकार, जेल से लाया गया अस्पताल
Morbi bridge tragedy : मोरबी झूला पुल हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी.इसके लिए जिम्मेदार कंपनी ओरेवा ग्रुप का प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल मानसिक रोग का शिकार हो गया है. उसे जेल से अस्पताल लाया गया.
Rajkot : गुजरात में पिछले साल 30 अक्टूबर को मोरबी झूला पुल हादसा हुआ था. खराब रखरखाव के कारण पुल टूट जाने से 135 लोगों की मौत हो गई थी. पुल के टूटने के बाद फरार जयसुख पटेल इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया और तब से जेल में हैं. उच्च रक्तचाप की शिकायत के बाद पटेल को मोरबी के ही सरकारी अस्पताल में 1 अप्रैल को ले जाया गया था. उसके बाद उसे सोमवार को नियमित जांच के लिए मोरबी के राज्य सरकार की ओर से संचालित जीएमईआरएस जनरल अस्पताल ले जाया गया. वहां से उसे उन्हें मनोरोग विभाग में रेफर किया गया. अस्पताल में वह करीब 45 मिनट रहा. उसकी जांच की गई और डॉक्टर ने उसे सलाह दी.
इलाज का खुलासा नहीं करने का आग्रह किया है मनोचिकित्सकों ने
अस्पताल के अधीक्षक डॉ प्रदीप दुधरेजिया के अनुसार पटेल का ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) रोगी के रूप में इलाज किया गया था. जांच और इलाज करने वाले मनोचिकित्सकों ने सलाह दी है कि उसके इलाज के ब्यौरे का खुलासा नहीं करे. लेकिन यह स्पष्ट है, बीमारी होने पर कुछ तो किया जाएगा. मोरबी जिला जेल के अधीक्षक डीएम गोहेल ने बताया कि पटेल को 1 अप्रैल को भी उच्च रक्तचाप के कारण उसी अस्पताल में ले जाया गया था. तब डॉक्टर ने मनोचिकित्सक से दिखाने की सलाह दी थी लेकिन शनिवार को अस्पताल में मनोरोग विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं थे. इसलिए, पटेल को सोमवार को अस्पताल ले जाया गया,
मरम्मत के चार दिन बाद ही टूट गया था पुल
जयसुख पटेल ओरेवा समूह का प्रबंध निदेशक है. उसकी अजंता मैन्यूफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड (एएमपीएल) मुख्य कंपनी है. ये कंपनी ही पुल के रखरखाव और संचालन के लिए जिम्मेदार थी. पुल ढहने की घटना में समूह को मुख्य आरोपी बनाया गया है.मोरबी में मच्छू नदी पर ऐतिहासिक झूला पुल को महीनों की मरम्मत और रखरखाव के बाद जब 26 अक्टूबर को जनता के लिए खोला गया तो केवल चार दिन बाद ही ऊपर की केबल टूट गई थी. पता चला कि एएमपीएल ने एक निजी ठेकेदार से मरम्मत और रखरखाव का काम कराया था.
दो महीने तक फरार रहने के बाद जयसुख ने किया था आत्मसमर्पण
जयसुख पटेल, उसकी कंपनी दो प्रबंधकों, पुल पर जाने के लिए टिकट देने वाले दो बुकिंग क्लर्क, तीन सुरक्षा गार्ड और एक निजी निर्माण ठेकेदार और उनके पिता को पुलिस ने मामले में आरोपी बनाया है. दो महीने तक फरार रहने के बाद उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया, 28 जनवरी को पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया. उसके दो दिन बाद 31 जनवरी को जयसुख पटेल ने मोरबी में एक मजिस्ट्रेट के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. पटेल की जमानत याचिका कई बार खारिज हो चुकी है.
ये भी पढ़ें :-Rahul Gandhi: सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज अपील करेंगे राहुल गांधी, महाराष्ट्र के कई कांग्रेस नेता रहेंगे मौजूद