Gujarat Gold Loans: आकर्षक ब्याज दरों के साथ-साथ लोन की आवश्यकता ने महामारी की चपेट में आने के बाद से गोल्ड लोन को आगे बढ़ाया है. गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा स्वीकृत गोल्ड लोन आवेदनों में 2021-22 की तीसरी तिमाही में 20% की वृद्धि हुई. वित्त उद्योग विकास परिषद (एफआईडीसी) के आंकड़ों के मुताबिक पूरे भारत में, तिमाही में स्वीकृत कुल लोन 25.090 करोड़ रुपये था.


गुजरात में उठान का कम से कम 10% हिस्सा


उद्योग के अनुमानों से पता चलता है कि भारत में मंज़ूर कुल गोल्ड लोन में से, गुजरात में उठान का कम से कम 10% हिस्सा है. इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के निदेशक के मुताबिक "जब से महामारी शुरू हुई, किसी न किसी प्रकार की इमरजेंसी के कारण नकदी की जरूरत बढ़ गई, जिससे गोल्ड लोन में बढ़ोतरी हुई.


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कई बैंक तेजी से वितरण के साथ आकर्षक ब्याज दरों पर विस्तारित ऋण दिया जिसने लोगों को आपातकालीन नकदी जरूरतों को पूरा करने में मदद की, गुजरात अभी भी दक्षिणी राज्यों और महाराष्ट्र की तुलना में गोल्ड लोन लिए एक बड़ा बाजार नहीं है.


सोना बेचने के यह रहे कारण 


गुजरात में, लोगों ने नकद जरूरतों को पूरा करने के लिए मुख्य रूप से नौकरी खो जाने, आय में कमी या मेडिकल इमरजेंसी के कारण सोना बेचा. महामारी के बाद से लोगों ने अनुमानित 28 मीट्रिक टन सोना बेचा है. विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) के आंकड़ों के अनुसार, महामारी शुरू होने के बाद से भारत में अनुमानित 142 मीट्रिक टन सोने का पुनर्नवीनीकरण किया गया था, यानी अप्रैल 2020 से दिसंबर 2021 तक, गुजरात में भारत में सोने की बिक्री का कम से कम 20% पुनर्चक्रण होता है.


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