National Crime Records Bureau Report: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) द्वारा जारी 2021 के आंकड़ों के अनुसार, अपर्याप्त पार्किंग स्थान और बच्चों के बीच हुई छोटे-मोटे मुद्दों को लेकर हुई बहस के कारण 2021 में गुजरात में कम से कम 245 हत्याएं हुईं. छोटे-मोटे झगड़ों के कारण हुई 245 हत्याओं का आंकड़ा चौंकाने वाला है. ये 2021 में रिपोर्ट किए गए 1010 मामलों में से लगभग 25 फीसदी है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 के बाद लोगों में चिड़चिड़ापन और तनाव बढ़ा है, जिसके कारण लोगों की सहनशक्ति का स्तर कम हो गया है, इस कारण लोगों को बार-बार गुस्सा आता है.
गुजरात में इन कारणों से हुई हत्या
एनसीआरबी (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, गुजरात में हत्या के 1,010 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें 1,046 लोगों की जान गई थी. इन हत्याओं को कई कैटेगरी में बांटा गया है. इस कैटेगरी में हत्या का सबसे बड़ा कारण 'छोटे-मोटे झगड़े' को बताया गया है. इसके बाद हत्या का कारण 'व्यक्तिगत प्रतिशोध' को बताया गया है. गुजरात में 'व्यक्तिगत प्रतिशोध' के कारण 187 हत्याएं हुईं. इसके बाद हत्या का कारण 'प्रेम संबंधों' को बताया गया है. गुजरात में 'प्रेम संबंधों' के कारण कम से कम 179 लोगों की जान गई है.
Kutch Road Accident: कच्छ में दर्दनाक सड़क हादसा, एक ही परिवार के चार सदस्यों की हुई मौत, दो लोग घायल
2019 की तुलना में 2021 में हत्या के मामलों में छह गुना वृद्धि
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में, छोटे-मोटे झगड़ों को लेकर 38 हत्याएं हुईं थी, जो 2020 में घटकर केवल सात रह गईं थी. आंकड़ों में कमी इसलिए आई क्योंकि ये समय कोरोना काल का था जब लोग अपने घरों में रहकर लॉकडाउन नियमों का पालन कर रहे थे. सामने आए आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 की तुलना में 2021 में हत्या के मामलों में छह गुना वृद्धि हुई है. हाल ही में 8 अगस्त को बोपल के एक 28 वर्षीय व्यक्ति ने क्रिकेट खेलने को लेकर दो साल पुराने विवाद को लेकर अपने दोस्त की चाकू मारकर हत्या कर दी थी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "छोटे-मोटे झगड़ों पर हत्याओं के मामलों में, हमने देखा कि लोगों ने बच्चों के आपस में लड़ने, पार्किंग का मुद्दा, एक-दूसरे को घूरने जैसे मुद्दों को लेकर बहस के बाद अपराध को अंजाम दिया."
कोरोना के कारण लोगों में बढ़ा तनाव
एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया, देश में कोरोना के कारण लोगों में तनाव और चिंता का कारण बढ़ा है. कोरोना के कारण कई लोगों की नौकरियां चली गई, कई लोगों को व्यापार में घाटा देखना पड़ा. इस दौरान कई लोग वित्तीय संकट से जूझ रहे थे. जिसके कारण लोगों का दैनिक जीवन और तनावपूर्ण हो गया था.
ये भी पढ़ें: