Gujarat: कोरोना महामारी की इन लहरों के बीच हेल्थ सेक्टर को बजट से काफी उम्मीदें थी. लेकिन इस बजट में 12,240 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ, 2.43 लाख करोड़ रुपये के कुल बजट का लगभग 5.02% ही हाथ आया. 2019 में स्वास्थ्य क्षेत्र को बजट का 5.57 फीसदी हिस्सा मिला तो 2020 में, यह 5.72% था. कोविड की चपेट में आने के बावजूद, 2021 में गुजरात के स्वास्थ्य आवंटन में पिछले 2020 के बजट की तुलना में केवल 80 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ. राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति ने राज्यों से स्वास्थ्य पर बजट का कम से कम 8% खर्च करने का आग्रह किया. 15वें वित्त आयोग की इच्छा थी कि राज्य 2022 तक इस लक्ष्य को हासिल कर लें.


Gujarat HC: माफी मांगने के बाद वकील के खिलाफ अवमानना मामला किया बंद, पढ़ें पूरी खबर


वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल के 11,323 करोड़ रुपये की तुलना में इस साल आवंटन 8.1% बढ़ाकर 12,240 करोड़ रुपये किया गया था. इस साल हेल्थ सेक्टर में कुछ बजट हाइलाइट्स में अहमदाबाद, राजकोट, भावनगर, जामनगर और सूरत में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अति-आधुनिक सुविधाओं को विकसित करने के लिए मास्टर प्लान प्रोजेक्ट के तहत 106 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल है.


ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी और पीएचसी के लिए नहीं कोई योजना


सरकार की तीन मेडिकल कॉलेज शुरू करने की योजना है, लेकिन इन कॉलेजों के लिए कर्मचारियों की भर्ती के लिए किसी रोड मैप का कोई उल्लेख नहीं है. बजट वक्तव्य में कहा गया है कि सरकार शहरी क्षेत्रों, सीएचसीएस और पीएचसी में अपनी मौजूदा स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को मजबूत करेगी. साथ ही इन केंद्रों में स्वास्थ्य कर्मियों के 1,238 पद सृजित किए जाएंगे. हालांकि, सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी और पीएचसी के लिए किसी योजना की घोषणा नहीं की है.


Gujarat News: गुजरात में दो साल में 600 करोड़ रुपये से अधिक की शराब और ड्रग्स जब्त की गई, पढ़ें डिटेल